वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः आतंकवाद की जड़ पर प्रहार करें
By वेद प्रताप वैदिक | Published: February 18, 2019 07:25 AM2019-02-18T07:25:37+5:302019-02-18T07:25:37+5:30
पाकिस्तान को बेचे जानेवाले भारतीय माल पर 200 प्रतिशत तक कर लगा दिया है. यह सब ठीक है लेकिन इसके कोई ठोस परिणाम निकलने मुश्किल ही हैं. तो क्या करें?
कश्मीर में हमारे जवानों की शहादत पर देश के सभी राजनीतिक दलों ने सरकार के साथ एकजुटता दिखाई, यह अच्छी बात है लेकिन मुझे दो बातों पर जरा आश्चर्य हुआ. एक तो यह कि सबने अपने प्रस्ताव में बार-बार ‘सीमा-पार’ शब्द का प्रयोग किया. उन्होंने पाकिस्तान का नाम तक नहीं लिया. क्यों नहीं लिया, यह बड़ा रहस्य है.
‘सीमा-पार’ से आनेवाले आतंकवाद का मतलब तो कुछ भी लगाया जा सकता है. दूसरा, सारे दलों के नेताओं ने यह विचार नहीं किया कि पुलवामा के आतंकी हमले पर भारत सरकार अब क्या करे? वह युद्ध छेड़ दे या फिर कुछ अन्य ठोस कदम भी उठाए? सरकार कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद करवाने की कोशिश कर रही है. उसने पाकिस्तान को बेचे जानेवाले भारतीय माल पर 200 प्रतिशत तक कर लगा दिया है. यह सब ठीक है लेकिन इसके कोई ठोस परिणाम निकलने मुश्किल ही हैं. तो क्या करें?
पहला, कोई भी आतंकी घटना हो तो उसके मूल-स्नेत पर सीधा प्रहार करें. अंतर्राष्ट्रीय कानून की धारा ‘हॉट परस्यूट’ के हिसाब से यह जायज है. दूसरा, आतंकी को जीवित या मृत पकड़ने पर उसके सारे रिश्तेदारों- माता-पिता, भाई-बहन, संतान, पत्नी सभी को आजन्म कारावास दिया जाए. तीसरा, जिस बस्ती से आतंकी को पकड़ा जाए, उस पूरी बस्ती के सैकड़ों लोगों को कम से कम एक साल की सजा दी जाए. चौथा, कश्मीरियों को वही बराबरी का अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए जो प्रत्येक भारतीय का होता है. पांचवां, कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की करोड़ों-अरबों की अवैध संपत्तियां जब्त की जाएं और यदि आतंकियों से उनके जरा भी संबंधों का प्रमाण हो तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए. छठवां, कश्मीरी नौजवानों के लिए रोजगार और शिक्षा का काम चौगुनी रफ्तार से किया जाए.