वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: अफगानिस्तान में भारत की भूमिका

By वेद प्रताप वैदिक | Published: July 17, 2019 06:10 AM2019-07-17T06:10:02+5:302019-07-17T06:10:02+5:30

इसमें शक नहीं कि आंतरिक संकट के समय लाखों अफगानों को पाकिस्तान ने शरण दी लेकिन पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को अपना मोहरा बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. भारत ने अफगानिस्तान की जितनी नि:स्वार्थ सहायता की है, किसी देश ने नहीं की. भारत ने लगभग 15 हजार करोड़ रु. अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण पर खर्च किए हैं.

Ved Pratap Vaidik blog: India's role in Afghanistan | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: अफगानिस्तान में भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

अफगानिस्तान के सवाल पर पिछले हफ्ते चीन में चार देशों ने बात की. अमेरिका, रूस, चीन और पाक! इनमें भारत क्यों नहीं है? क्या अफगानिस्तान से भारत का कोई संबंध नहीं है? भारत और अफगानिस्तान के संबंध सदियों से चले आ रहे हैं. महाभारत की गांधारी कौन थी? क्या महान वैयाकरण पाणिनि अफगानिस्तान में पैदा नहीं हुए थे?

ये तो हुई पुरानी बातें लेकिन पिछले 70 वर्षो में भी भारत और अफगानिस्तान के संबंध बहुत घनिष्ठ रहे हैं. यह ठीक है कि पाकिस्तान के बन जाने के बाद अफगानिस्तान और भारत की सीमाएं दूर-दूर हो गईं लेकिन दोनों देशों की सरकारों और जनता के बीच सद्भाव और सहयोग बना रहा. तालिबान के अल्पकालीन शासन के दौरान भारत-अफगान संबंध प्रभावित जरूर हुए लेकिन इन दोनों देशों के बीच वैसी दुश्मनी कभी नहीं रही, जैसी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच कई बार देखी गई है. इन दोनों राष्ट्रों के बीच चार बार युद्ध होते होते बचा है.

इसमें शक नहीं कि आंतरिक संकट के समय लाखों अफगानों को पाकिस्तान ने शरण दी लेकिन पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को अपना मोहरा बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. भारत ने अफगानिस्तान की जितनी नि:स्वार्थ सहायता की है, किसी देश ने नहीं की. भारत ने लगभग 15 हजार करोड़ रु. अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण पर खर्च किए हैं.

अफगान-लोकतंत्न को सुदृढ़ बनाने में भी भारत का उल्लेखनीय योगदान है. ऐसे भारत को अफगानिस्तान समस्या के समाधान से बाहर रखना आश्चर्य जनक है. इस अलगाव के लिए भारत स्वयं भी जिम्मेदार है, क्योंकि वह तालिबान को अपना दुश्मन समझता है. इसमें शक नहीं कि तालिबान पर पाकिस्तान के अनगिनत एहसान हैं लेकिन तालिबानी पठान किसी के मोहरे बनकर नहीं रह सकते. ये चारों देश मिलकर उनसे ही बात कर रहे हैं. भारत तो दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा देश है. उसकी जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है. उसे इस बातचीत में सबसे अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए. 

Web Title: Ved Pratap Vaidik blog: India's role in Afghanistan

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे