वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: सबरीमाला मामले में कांग्रेस और BJP है एकजुट, मार्क्सवादी सरकार है टकराव

By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 30, 2018 07:24 AM2018-10-30T07:24:00+5:302018-10-30T07:24:00+5:30

सबरीमला मंदिर में रजस्वला स्त्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध को क्या आप किसी वैज्ञानिक पैमाने पर सही ठहरा सकते हैं? नहीं।

Ved Pratap Vaidik blog: Congress and BJP are united in Sabarimala case, Marxist government of kerala | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: सबरीमाला मामले में कांग्रेस और BJP है एकजुट, मार्क्सवादी सरकार है टकराव

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: सबरीमाला मामले में कांग्रेस और BJP है एकजुट, मार्क्सवादी सरकार है टकराव

केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर जो टकराव आजकल चल रहा है, उसका हिंदू धर्म या तर्कबुद्धि से कुछ लेना-देना नहीं है। यह टकराव है, केरल की मार्क्‍सवादी सरकार और भाजपा के बीच। मजेदार तथ्य यह है कि इस टकराव में भाजपा और कांग्रेस साथ-साथ हैं। 

पहले कांग्रेस को लें। कांग्रेस जवाहरलाल नेहरू के विचारों को ही ताक पर बिठा रही है। पं। नेहरू हमेशा ‘वैज्ञानिक मिजाज’ की बात करते थे। सबरीमला मंदिर में रजस्वला स्त्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध को क्या आप किसी वैज्ञानिक पैमाने पर सही ठहरा सकते हैं? नहीं। लेकिन कांग्रेस उसे सही बता रही है, क्योंकि केरल में उसका मुकाबला माकपा की सरकार से है। पं। नेहरू को धर्मनिरपेक्षता अपने प्राणों से भी प्यारी थी लेकिन कांग्रेस ने उस समय उस फैसले का विरोध क्यों नहीं किया, जब सर्वोच्च न्यायालय ने मुंबई की हाजी अली की दरगाह में मुस्लिम औरतों के प्रवेश पर घोषित प्रतिबंध को रद्द किया था? मुस्लिम औरतों की पूजा की आजादी का समर्थन और हिंदू औरतों का विरोध! क्या यह उलट-सांप्रदायिकता नहीं है? हिंदू औरतों की पूजा की आजादी का विरोध भाजपा भी कर रही है। क्या यह उलट-हिंदुत्व नहीं है? सबरीमला के सवाल पर कांग्रेस अपने सिद्धांतों को ही कच्चा चबा डाल रही है। 

अब भाजपा को लें, उसके अध्यक्ष अमित शाह ने केरल जाकर उन लोगों की पीठ ठोंकी, जो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने अदालत को उपदेश दिया कि वह ऐसे फैसले करे, जो लागू हो सकें। उनसे पूछा जाए कि उन फैसलों को लागू करने की जिम्मेदारी किसकी है? शाह ने सर्वोच्च न्यायालय को संकेत दे दिया है कि वह राम मंदिर के मामले में ऐसा फैसला ही दे, जिसे मोदी सरकार लागू कर सके। न्यायपालिका का इससे बड़ा मजाक क्या हो सकता है? अगर अमित शाह यह कहते कि समाज का संचालन सिर्फ कानून से नहीं हो सकता है तो उनकी बात तर्कसंगत और तथ्यसंगत होती। 

Web Title: Ved Pratap Vaidik blog: Congress and BJP are united in Sabarimala case, Marxist government of kerala

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