बराक ओबामाः राहुल को लेकर आब्जर्वेशन में दम है, लेकिन अपडेट नहीं है! काश उनका रडार मोदी को भी पकड़ पाता?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 13, 2020 09:48 PM2020-11-13T21:48:57+5:302020-11-13T21:50:40+5:30
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में इस किताब का रिव्यू छपा है, जिसमें किताब के अंश हैं, जिसके अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर बराक ओबामा ने लिखा है- उनमें एक ऐसे नर्वस और अपरिपक्व छात्र के गुण हैं, जिसने अपना होमवर्क किया है और टीचर को इम्प्रेस करने की कोशिश में है.
राष्ट्रपति पद से हटने के बाद बराक ओबामा ने अपनी आत्मकथा ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ लिखी है, जिसमें अपने अनुभवों को जगजाहिर किया है. इसमें भारत की भी चर्चा है, क्योंकि इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य कुछ लोगों का जिक्र है.
खबरें हैं कि अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में इस किताब का रिव्यू छपा है, जिसमें किताब के अंश हैं, जिसके अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर बराक ओबामा ने लिखा है- उनमें एक ऐसे नर्वस और अपरिपक्व छात्र के गुण हैं, जिसने अपना होमवर्क किया है और टीचर को इम्प्रेस करने की कोशिश में है.
लेकिन गहराई से देखें तो योग्यता की कमी है और किसी विषय पर महारत हासिल करने के जुनून की कमी है. यकीनन, उस वक्त का उनका आब्जर्वेशन सही है, लेकिन इन कुछ वर्षों में राहुल गांधी में बड़ा बदलाव आया है. वे कई मुद्दों को समझने लगे हैं और प्रभावी तरीके से पेश भी कर रहे हैं.
काश! बराक ओबामा का रडार पीएम मोदी को भी पकड़ पाता? ईमेल, डिजिटल फोटोग्राफी, रडार और बादल, तक्षशिला विश्वविद्यालय आदि विषयक उनका ज्ञान, विज्ञान आदि के संबंध में अमेरिका के पिछड़ेपन का अहसास करा देता! अब बराक ओबामा को कौन बताए कि राहुल गांधी प्रेस से घबराते नहीं हैं, इसलिए उनके ज्ञान-अज्ञान की सारी बातें सामने आ जाती है, जबकि पीएम मोदी तो प्रेस के सामने ही नहीं आते हैं? फिर भी अक्सर उनकी ज्ञानवर्धक बातें सामने आ जाती हैं! सबसे बड़ी परेशानी यह है कि दुनिया में नाॅलेज अनलिमिटेड है और लाइफ लिमिटेड है, लिहाजा नाॅलेज के मामले में किसी भी व्यक्ति के बारे में स्थाई धारणा बनाना व्यर्थ है?