एन. के. सिंह का ब्लॉग: भ्रष्टाचार में डूबी पाक सेना पैदा कर रही आतंकवादी

By एनके सिंह | Published: March 10, 2019 05:12 PM2019-03-10T17:12:08+5:302019-03-10T17:12:08+5:30

आतंकी संगठनों पर पाक सेना का वरदहस्त है. दशकों से अय्याशी और भ्रष्टाचार में डूबी इस सेना का पुरुषत्व खत्म हो चुका है और बाकी बचा है -आतंकियों के सहारे आम जनता को ही नहीं, राजनीतिक आकाओं को भी डर के साये में रख कर अपना अस्तित्व बचाना. 

Terrorists creating Pak army immersed in corruption | एन. के. सिंह का ब्लॉग: भ्रष्टाचार में डूबी पाक सेना पैदा कर रही आतंकवादी

एन. के. सिंह का ब्लॉग: भ्रष्टाचार में डूबी पाक सेना पैदा कर रही आतंकवादी

भारत की सामरिक इच्छाशक्ति और दौत्य-संबंधों के जरिए विश्व समुदाय में पाकिस्तान को अलग-थलग करने का जबर्दस्त प्रदर्शन रहा. मुमकिन है कि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव से प्रतिबंधित कर दिया जाए जैसा कि पहले अन्य आतंकी संगठनों को लेकर किया गया. लेकिन क्या पाकिस्तान से दुनिया में आतंक का निर्यात कहीं भी कम हुआ? 

आजाद भारत के इतिहास में पाक-प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ पहली शक्तिशाली इच्छाशक्ति का प्रदर्शन सेना द्वारा 27 फरवरी, 2019 को हुआ. 14 फरवरी के पुलवामा फिदायीन हमले के पाकिस्तान को सभी सबूत इस बार फिर दिए गए. अमेरिका की एफबीआई के पास वे सभी कॉल डिटेल्स हैं जिनमें हमले के लिए कश्मीर में बैठे सेल के चार सदस्य पाकिस्तान में जैश के सरगनाओं से आदेश ले रहे थे.

इसे भारत और अमेरिका ने सभी मुख्य देशों को बताया भी. साथ ही भारत ने एक डोजियर भी पाकिस्तान सरकार को दिया जिसमें सन 2014 से 17 तक कश्मीर में आतंकी घटनाओं में पकड़े गए चार आतंकी सरगनाओं के पाकिस्तानी होने का सबूत उनके घर के पते के साथ दिया गया. जिस दिन पुलवामा पर फिदायीन हमला किया गया उस दिन इस ऑपरेशन से जुड़े सेल के चार सदस्यों का लगातार पाकिस्तान स्थित हैंडलरों से, जो जैश के कार्यालय में उपस्थित थे, बातचीत का ब्यौरा अमेरिका की एफबीआई ने न केवल भारत को सौंपा है बल्कि पाकिस्तान सहित दुनिया के तमाम बड़े देशों को भी.

क्या अब भी किसी प्रूफ की जरूरत है? फिर इस घटना की जिम्मेदारी स्वयं मसूद अजहर और उसके संगठन ने एक वीडियो जारी कर ली है जिसमें उस फिदायीन का बयान भी है. मुंबई हमले का मुख्य अभियुक्त कसाब पाकिस्तान के किस गांव का रहने वाला था यह भी तथ्य पूरे विश्व को पिछले दस साल से मालूम है.   

मैं पाकिस्तान कई बार गया हूं. एक बार कराची में वहां पाक-सेना के एक लेफ्टिनेंट जनरल ने शाम को भारतीय पत्रकारों को भोजन पर बुलाया. मैं भी उनमें था. बंगले का परिसर करीब एक किमी लंबा था. मुख्य द्वार से उसके भवन की दूरी और बंगले की सजावट शायद ही राजतंत्र में भी भारत के किसी राजा-महाराजा के पास रही हो. आज पाकिस्तान में सेना करीब तीन दर्जन से ज्यादा औपचारिक वाणिज्यिक व्यवसाय में लिप्त है और अनौपचारिक रूप से जमीन बेच कर बड़े अधिकारी पैसे कमाने में लगे हैं.

पूरी सेना भ्रष्टाचार, शराबखोरी और अय्याशी का पर्याय बनी हुई है. जेहादी संगठनों को पालना उनके अपने अस्तित्व और चुनी हुई सरकार पर नियंत्रण के लिए जरूरी है. पाकिस्तानी समाज को अशिक्षित, अतार्किक और विकास शून्यता की स्थिति में रखना उनकी नीति है. 

आतंकी संगठनों पर पाक सेना का वरदहस्त है. दशकों से अय्याशी और भ्रष्टाचार में डूबी इस सेना का पुरुषत्व खत्म हो चुका है और बाकी बचा है -आतंकियों के सहारे आम जनता को ही नहीं, राजनीतिक आकाओं को भी डर के साये में रख कर अपना अस्तित्व बचाना. 
 

Web Title: Terrorists creating Pak army immersed in corruption

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