आतंकवाद की प्रवृत्ति खतरनाक

By अवधेश कुमार | Published: October 16, 2018 04:57 AM2018-10-16T04:57:20+5:302018-10-16T04:57:20+5:30

स्थानीय पढ़े-लिखे युवाओं की आतंकवादी बनने की प्रवृत्ति गंभीर चिंता का विषय है। मन्नान वानी स्वयं भी मेधावी था तथा उसका परिवार भी शिक्षित है।

Terrorism is going to blood is dangerous | आतंकवाद की प्रवृत्ति खतरनाक

सांकेतिक तस्वीर

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का मारा जाना सामान्य घटना होती है। किंतु कई बार ऐसे आतंकवादी मारे जाते हैं जिनका संकेत बहुत बड़ा होता है। हाल में कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादियों का मारा जाना ऐसी ही बड़ी घटना है। इसमें हिजबुल का स्थानीय कमांडर मन्नान बशीर वानी भी शामिल था। मन्नान का मारा जाना लगभग वैसा ही है जैसा जुलाई 2016 में बुरहान वानी का खात्मा था।

बुरहान वानी जिस तरह भटके कश्मीरी युवाओं के अंदर आतंकवाद के प्रति रोमांच पैदा करता था मन्नान भी वही स्थान ग्रहण करता जा रहा था। मन्नान आतंकवादी बनकर हथियार उठाने के पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भूगर्भशास्त्र में पीएचडी कर रहा था। बुरहान वानी इतना पढ़ा-लिखा नहीं था इसलिए वह विचारों से उस तरह युवाओं को जिहाद के नाम पर प्रभावित नहीं कर सकता था जिस तरह मन्नान कर रहा था। अपने अध्ययन और सोच के बल पर वह स्थानीय युवाओं को आतंकवादी बना रहा था। 

स्थानीय पढ़े-लिखे युवाओं की आतंकवादी बनने की प्रवृत्ति गंभीर चिंता का विषय है। मन्नान वानी स्वयं भी मेधावी था तथा उसका परिवार भी शिक्षित है। उसके पिता बशीर अहमद लेक्चरर हैं और एक भाई इंजीनियर है। जिहाद और आतंकवाद का विचार युवाओं एवं छात्रों में किस तरह फैल रहा है इसका प्रमाण 10 अक्तूबर को जालंधर के एक छात्रवास से मिला। पंजाब पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जालंधर से तीन ऐसे छात्रों को गिरफ्तार किया जिनके संबंध जाकिर मूसा के संगठन अंसार गजवात-उल-हिंद से थे।

इंस्टीट्यूट के होस्टल के एक कमरे से एक असॉल्ट राइफल समेत दो हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार दक्षिण कश्मीर में शोपियां और पुलवामा जिले से ज्यादा युवा आईएसआईएस-कश्मीर और अंसार-गजवात-उल-हिंद जैसे आतंकवादी संगठनों में शामिल हो रहे हैं। सुरक्षा बलों की मानें तो इस साल अबतक 130 से अधिक स्थानीय युवा आतंकवादी बने। 2017 में इनकी संख्या 126 थी। 2010 के बाद यह सर्वाधिक संख्या है। जम्मू-कश्मीर सीआईडी की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय आतंकवादियों की संख्या में इजाफा हुआ है। निश्चय ही यह स्थिति जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से संघर्ष तथा उसके समूल नाश करने के उद्देश्य को कठिन बनाती है।

Web Title: Terrorism is going to blood is dangerous

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