शोभना जैन का ब्लॉग: प्रधानमंत्री मोदी की अमीरात यात्रा की अहमियत

By शोभना जैन | Published: July 1, 2022 09:23 AM2022-07-01T09:23:24+5:302022-07-01T09:24:12+5:30

संयुक्त अरब अमीरात भले ही सामरिक दृष्टि से ज्यादा महत्व का न हो लेकिन आर्थिक स्थिति, वहां भारतीयों की बड़ी तादाद में मौजूदगी, निजी क्षेत्र में बढ़ता आर्थिक सहयोग जैसे पहलू हैं जिनके चलते अमीरात के साथ हमारे रिश्ते खासे अहम हैं।

Significance of PM Modi's Emirates visit | शोभना जैन का ब्लॉग: प्रधानमंत्री मोदी की अमीरात यात्रा की अहमियत

शोभना जैन का ब्लॉग: प्रधानमंत्री मोदी की अमीरात यात्रा की अहमियत

Highlightsदुबई में अनेक इजराइली कंपनियां कारोबार कर रही हैं और भारत की प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता का भी लाभ दोनों पक्ष ले रहे हैं।यूएई एकमात्र ऐसा इस्लामिक देश है जिसने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया है।

दक्षिण-पश्चिम एशिया क्षेत्र की उलझती राजनीति, रिश्तों के बदलते समीकरण और हाल में भारत में ‘घरेलू राजनीति’ के चलते की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर विशेष तौर पर पश्चिम एशिया के कुछ इस्लामी देशों की कुछ फौरी तीखी प्रतिक्रिया के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी में संपन्न अमेरिका, फ्रांस सहित सात विकसित राष्ट्रों के जी-7 शिखर सम्मेलन से लौटते हुए इस सप्ताह संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे। इस यात्रा को परंपरागत कूटनीति के दायरे से इतर रिश्तों को आगे बढ़ाने के दृष्टिकोण से समझा जा सकता है। प्रधानमंत्री की 2015 के बाद यह चौथी अरब अमीरात यात्रा थी। 
जैसा कि एक पूर्व राजनयिक का कहना है, दोनों देशों के बीच इतनी समझबूझ बन चुकी है कि इधर-उधर की कुछ उथल पुथल से ये रिश्ते प्रभावित नहीं हो पाते हैं, लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों के बीच रिश्तों की बेहतरी के लिए ऐसे ही संतुलन बनाते हुए प्रयास निरंतर जारी रखने होंगे और खास तौर पर इस वक्त यह यात्रा इसी भावना का प्रतीकात्मक संकेत मानी जा सकती है। यूएई एकमात्र ऐसा इस्लामिक देश है जिसने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया है। 

वर्ष 2020-21 के लिए लगभग 16 बिलियन अमेरिकी डाॅलर की राशि के साथ यूएई (अमेरिका और चीन के बाद) भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात पड़ाव बन चुका है। दोनों देश इसी फरवरी में व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौता कर चुके हैं। निजी क्षेत्र में भी आपसी आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए खासी प्रगति हुई है। यूएई ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में लगातार निवेश बढ़ाया है। रक्षा सहयोग और उत्पादन में भी सहयोग बढ़ा है। इसके अलावा पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ रहा है, हालिया विवाद के बाद कुछ इस्लामी देशों की तीखी नाराजगी के बावजूद अमीरात ने नपे-तुले संयत शब्दों में अपनी हल्की सी असहमति रखी।

अगर इस परिप्रेक्ष्य में क्षेत्रीय स्थिति की बात करें तो अगस्त 2020 में अमीरात और इजराइल के बीच हुए शांति समझौते से त्रिपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के नए रास्ते बने। दुबई में अनेक इजराइली कंपनियां कारोबार कर रही हैं और भारत की प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता का भी लाभ दोनों पक्ष ले रहे हैं। इसी दृष्टि से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आगामी पश्चिम एशिया दौरे पर भी नजरें हैं जहां अमेरिका के साथ भारत, अमीरात और इजराइल के बीच वर्चुअल शिखर बैठक में सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा किए जाने की खबर है।

दरअसल घरेलू राजनीति में कुछ नेताओं ने जिस तरह की धार्मिक टिप्पणियां कीं, उनसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को देखना चाहिए। मित्र राष्ट्र सहित सभी के लिए ये बेहद असहज हो जाता है। खास तौर पर अगर अमीरात की बात करें तो इस्लामी जगत में भारत को लेकर अमीरात ने खुल कर साथ दिया है। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को अफ्रीकी देशों के समूह ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में आमंत्रित किया, जम्मू-कश्मीर में भी संविधान के 370 वें अनुच्छेद को हटाए जाने पर भारत के पक्ष को समझा। 

दरअसल दोनों देशों के बीच अब इतनी समझबूझ कायम हो चुकी है कि दोनों एक-दूसरे का पक्ष समझते हैं, आपसी सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। पूर्व राजदूत तलमीज अहमद का कहना है कि इस दौरे को कई मुद्दों से जोड़ कर देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के अमीरात के शीर्ष नेतृत्व के साथ अच्छे रिश्ते हैं, उनका सम्मान है। हालिया विवाद से वहां भी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, ऐसे में यह दौरा यह संदेश है कि सरकार के एजेंडे में कोई बदलाव नहीं आया है। 

संयुक्त अरब अमीरात भले ही सामरिक दृष्टि से ज्यादा महत्व का न हो लेकिन आर्थिक स्थिति, वहां भारतीयों की बड़ी तादाद में मौजूदगी, निजी क्षेत्र में बढ़ता आर्थिक सहयोग जैसे पहलू हैं जिनके चलते अमीरात के साथ हमारे रिश्ते खासे अहम हैं। निश्चित तौर पर ऐसी यात्राओं से रिश्तों में सकारात्मकता तो बढ़ती है, लेकिन जरूरी ये भी है कि कई बार जब रिश्ते सवालों में घिर जाते हैं तो उन्हें सुधारने के साथ ही प्रयास ऐसे होने चाहिए कि ऐसी स्थिति उत्पन्न ही न हो।

Web Title: Significance of PM Modi's Emirates visit

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