शशांक द्विवेदी का ब्लॉगः भारत के सपनों का वाहक इसरो, सुनहरे सफर के 50 साल पूरे

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 15, 2019 05:44 AM2019-08-15T05:44:10+5:302019-08-15T05:44:10+5:30

इस बार का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त कई मायनों में खास है क्योंकि इसरो इस बार अपने स्थापना के 50 साल पूरे कर रहा है. 15 अगस्त 1969 को ही अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना हुई थी.

Shashank Dwivedi's blog: ISRO, India's carrier of dreams, completes 50 years of golden journey | शशांक द्विवेदी का ब्लॉगः भारत के सपनों का वाहक इसरो, सुनहरे सफर के 50 साल पूरे

शशांक द्विवेदी का ब्लॉगः भारत के सपनों का वाहक इसरो, सुनहरे सफर के 50 साल पूरे

इस बार का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त कई मायनों में खास है क्योंकि इसरो इस बार अपने स्थापना के 50 साल पूरे कर रहा है. 15 अगस्त 1969 को ही अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना हुई थी. इन 50 सालों में इसरों ने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन अपनी प्रतिभा के दम पर आज नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. कम संसाधनों और बजट के बावजूद इसरो ने अपनी कामयाबी से न सिर्फ पूरे विश्व को चमत्कृत किया है बल्कि कम लागत की वजह से अंतरिक्ष प्रक्षेपण के क्षेत्र में इतिहास भी बना रहा है. 19 अप्रैल, 1975 को इसरो द्वारा  स्वदेश निर्मित उपग्रह आर्यभट्ट का सफल प्रक्षेपण किया गया. आज से लगभग 44 साल पहले उपग्रहों का साइकिल और बैलगाड़ी से शुरू हुआ इसरो का सफर आज उस मुकाम पर पहुंच गया है जहां भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया के सबसे शक्तिशाली पांच देशों में से एक है.

हाल में ही चंद्रयान-2 की सफलतापूर्वक लांचिंग कर इसरो ने अपनी क्षमता और काबिलियत का लोहा पूरे विश्व में मनवा लिया है लेकिन अब समय आ गया है जब इसरो अपने अंतरिक्ष अभियान को एक अलग तरीके से धार दे. भारत को अब बेहतर स्पेस रीसर्च के लिए अब जल्द ही अंतरिक्ष में खुद का अपना स्पेस स्टेशन बनाना होगा क्योंकि अब समय आ गया है जब इसरो व्यावसायिक सफलता के साथ-साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की तरह अंतरिक्ष शोध और अन्वेषण पर भी ज्यादा ध्यान दे.

एक समय ऐसा भी था जब अमेरिका ने भारत के उपग्रहों को लांच करने से मना कर दिया था. अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज स्थिति ये है कि अमेरिका सहित तमाम देश खुद भारत के साथ व्यावसायिक समझौता करने को इच्छुक हैं. भविष्य में अंतरिक्ष में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी क्योंकि यह अरबों डॉलर का मार्केट है. भारत के पास कुछ बढ़त पहले से है, इसमें और प्रगति करके इसका बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक उपयोग संभव है. भारत अंतरिक्ष विज्ञान में नई सफलताएं हासिल कर विकास को अधिक गति दे सकता है. देश में गरीबी दूर करने और विकसित भारत के सपने को पूरा करने में इसरो काफी मददगार साबित हो सकता है.

Web Title: Shashank Dwivedi's blog: ISRO, India's carrier of dreams, completes 50 years of golden journey

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