रमेश ठाकुर का ब्लॉगः मुंबई मेट्रो सोख रही पानी!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 11, 2019 07:22 AM2019-06-11T07:22:00+5:302019-06-11T07:22:00+5:30
जबर्दस्ती पानी के दोहन से फोर्ट परिसर के तमाम सरकारी कार्यालयों में पानी सप्लाई करनेवाले कुएं भी पूरी तरह से सूखकर हांफने लगे हैं. जब कुएं ही सूख जाएंगे तो भला वह दूसरों की कैसे प्यास बुझाएंगे.
मुंबई में पानी के दोहन का एक बड़ा मामला सामने आया है. वहां मेट्रो परियोजना का निर्माण कार्य जोरों पर है. लेकिन बिना बताए कंपनी ने पारसी समाज के हिस्से का पानी खींच लिया. यह कृत्य सरकार की नाक के नीचे हो रहा है. इसके अलावा मेट्रो के लिए बनने वाली सुरंग ने दक्षिण मुंबई के फोर्ट इलाके का भी पानी सोख लिया है. समूचे इलाके को बेपानी कर दिया है. विकराल समस्या को लेकर दक्षिण मुंबईवासी जमकर हंगामा कर रहे हैं. जबर्दस्ती पानी के दोहन से फोर्ट परिसर के तमाम सरकारी कार्यालयों में पानी सप्लाई करनेवाले कुएं भी पूरी तरह से सूखकर हांफने लगे हैं. जब कुएं ही सूख जाएंगे तो भला वह दूसरों की कैसे प्यास बुझाएंगे.
गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई में तमाम बड़े-बड़े कुएं हैं जो जरूरतमंद लोगों की प्यास बुझाने का काम वर्षो से करते आ रहे थे, लेकिन अब दम तोड़ रहे हैं. दम तोड़ने की मुख्य वजह वहां चल रही मेट्रो परियोजना के तहत धरातल में की जा रही खुदाई है. कंपनी धड़ल्ले से धरती का सीना चीरकर पानी खींच रही है. कोई रोकने-टोकने वाला नहीं. मेट्रो परियोजना की इस खुदाई का असर जलीय चट्टान पर्त पर भी पड़ रहा है. इसी कारण कुओं का पानी शून्य हो गया है. दक्षिण मुंबईवासियों ने ऐसी अकाल स्थिति का सामना आजादी के बाद से अब तक कभी नहीं किया.
मेट्रो परियोजना का काम आवासीय और कामकाजी जगहों पर किया जा रहा है. वहां कई बड़े कार्यालय मौजूद हैं. फोर्ट परिसर स्थित हजारीमल सोमानी मार्ग पर मोटर हादसा दावा प्राधिकरण, मानवाधिकार आयोग, युवक बिरादरी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग और सार्वजनिक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस हैं. ये सभी कार्यालय एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. इन कार्यालयों के मध्य परिसर में दशकों पुराना एक विशाल कुआं भी मौजूद है. मेट्रो परियोजना की सुरंग की खुदाई से कुआं पूरी तरह से सूख गया है. इस कुएं की देखभाल मोटर हादसा दावा प्राधिकरण और सार्वजनिक निर्माण विभाग करता है. कुएं में जलस्तर शून्य होने की वजह से पिछले एक महीने से कर्मचारियों और वहां आनेवालों को पानी की कमी की मार ङोलनी पड़ रही है.