राजेश कुमार यादव का ब्लॉगः नेताजी ने फहराया था पहला तिरंगा 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 23, 2019 03:02 PM2019-01-23T15:02:43+5:302019-01-23T15:02:43+5:30

सुभाषचंद्र बोस भारत की पहली आजाद सरकार के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री थे. आजाद हिंद सरकार की स्थापना 21 अक्तूबर 1943 को हुई थी.

Rajesh Kumar Yadav's blog: Netaji hoisted the first tricolor | राजेश कुमार यादव का ब्लॉगः नेताजी ने फहराया था पहला तिरंगा 

फाइल फोटो

जब भी भारत की आजादी की बात होती है, तो सभी की जुबान पर एक ही तारीख आती है 15 अगस्त 1947. लेकिन हमारे मुल्क का एक हिस्सा अंडमान-निकोबार 30 दिसंबर 1943 को ही आजाद हो गया था. इसके पीछे का इतिहास यह है कि अंग्रेजों से लड़ते हुए जापानी सेना ने 23 मार्च 1942 को  अंडमान के द्वीपों पर कब्जा कर वहां से अंग्रेजी सेना को खदेड़ दिया. तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री हिदेकी तोजो ने नेताजी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर 7 नवंबर 1943 को अंडमान-निकोबार द्वीपों को नेताजी की अंतरिम सरकार को सौंप दिया. नेताजी सुभाषचंद्र बोस 30 दिसंबर 1943 को पहली बार अंडमान-निकोबार की धरती पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया और इन द्वीपों का नाम शहीद और स्वराज रखा. ये तिरंगा आजाद हिंद सरकार का था. 


भारत की धरती पर यह आजादी की पहली निशानी थी. पोर्ट ब्लेयर के जिमखाना मैदान (जिसे अब नेताजी स्टेडियम के नाम से जाना जाता है) पर तिरंगा फहराने के बाद नेताजी ने वहां क्रांतिकारियों, आजाद हिंद फौज के सिपाहियों और जनता से कहा कि हिंदुस्तान की आजादी की जो गाथा अंडमान की भूमि से शुरू हुई है वह दिल्ली में वाइसराय के घर पर तिरंगा फहराने के बाद ही रुकेगी. पोर्ट ब्लेयर के जिस जिमखाना मैदान पर नेताजी ने तिरंगा फहराया था, वहां भारत सरकार ने उनकी याद में एक स्मारक का निर्माण किया है.

सुभाषचंद्र बोस भारत की पहली आजाद सरकार के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री थे. आजाद हिंद सरकार की स्थापना 21 अक्तूबर 1943 को हुई थी. आजाद हिंद सरकार का केंद्र पहले सिंगापुर बनाया गया. बाद में बर्मा में रंगून को ही अस्थायी सरकार की राजधानी और प्रधान कार्यालय बनाया गया. जापान समेत 9 देशों की सरकारों ने आजाद हिंद सरकार को अपनी मान्यता दी थी जिसमें जर्मनी, फिलीपींस, थाईलैंड, मंचूरिया, क्रोएशिया आदि देश शामिल हैं. 

इसके बाद 4 फरवरी 1944 को आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा भयंकर आक्रमण किया और कोहिमा, पलेल आदि कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त करा लिया. आजाद हिंद सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तिरंगा को चुना था, वहीं राष्ट्रगान विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार रवींद्रनाथ टैगोर के जन-गण-मन को ही बनाया था.  21 मार्च 1944 को  ‘चलो दिल्ली’ के नारे के साथ आजाद हिंद सरकार का हिंदुस्तान की धरती पर आगमन हुआ.

Web Title: Rajesh Kumar Yadav's blog: Netaji hoisted the first tricolor

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