फ़ीस न मिलने के नाम पर बेसमेंट में बच्चियों को तहखाने में बंद करने वाले शर्म से डूब मरो
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 11, 2018 03:40 PM2018-07-11T15:40:24+5:302018-07-11T15:40:24+5:30
राबिया स्कूल की हेड मिस्ट्रेस का कहना है कि उन्होंने बच्चों को बेस्मेंट में रख कर कोई गुनाह नहीं किया यह एक स्टैंडर्ड प्रोसीजर है।
वक़ार अहमद
भूखे प्यासे बच्चे 40 डिग्री तापमान में एक तहखाने जैसी जगह में बैठने को मजबूर हैं। जी हाँ यही सज़ा मुकर्रर की गयी है इन मासूम बच्चों के लिए। शायद इन बच्चों को यह भी नहीं पता होगा कि इन्हें सज़ा दी जा रही है।
लेकिन सोचिए कि अगर वाकई इन बच्चों को पता होगा कि इनकी स्कूल फ़ीस जमा ना होने के कारण उन्हें ऐसी सज़ा दी जा रही है तो उनके मासूम दिलों पर क्या गुजरी होगी। उन्होंने अपने आप को कितना बेचारा और बेबस महसूस किया होगा। उन मासूम बच्चों के दिलों पर तब क्या गुजरी होगी जब उनके सामने उनके माँ-बाप की बेइज्जती की गयी होगी।
यह तस्वीरें उस शहर की हैं जहाँ का प्रशासन बच्चों को सेफ़ रखने की गारंटी लेता है। जी हाँ राजधानी दिल्ली में ऐसी घटना हुई है। सज़ा देने वाले स्कूल कहा कहना है कि इन बच्चों की पढ़ाई की फ़ीस जमा नहीं हुई है। इसलिए इन बच्चों को क्लास में बैठने की इजाज़त नहीं दी गयी और इन सब बच्चों को इकट्ठा कर के एक बेस्मेंट में ले जाया गया और उन्हें उसी बेस्मेंट में रखा गया जिसे बच्चों के माँ-बाप तहखाना बता रहे हैं
राबिया स्कूल की हेड मिस्ट्रेस का कहना है कि उन्होंने बच्चों को बेस्मेंट में रख कर कोई गुनाह नहीं किया यह एक स्टैंडर्ड प्रोसीजर है। आज पूरे हिंदुस्तान में एक तरफ़ बेटी को पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा दिया जा रहा है
वहीं दूसरी तरफ़ राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल जैसे संस्थान उन माँ बाप को बता रहे हैं कि अगर उन्होंने फ़ीस वक़्त पर ना जमा कि तो बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के नारे को भूल कर वो आपके बच्चों के साथ वो सलूक करेंगे कि आप बेटियों को स्कूल भेजने से भी डरेंगे।
ऐसे स्कूल वालों से यही कहने को जी चाहता है कि आप शर्म से डूब मरो।
(लेखक लोकमत न्यूज में सीनियर मैनेजर वीडियो कंटेट हैं।)
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