भारत के सुरक्षा सरोकारों के लिए  ‘क्वाड सुरक्षा गठबंधन’ अहम, शोभना जैन का ब्लॉग

By शोभना जैन | Published: March 12, 2021 02:06 PM2021-03-12T14:06:31+5:302021-03-12T14:07:31+5:30

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ उनकी पहली मुलाकात और भारत और जापान के नेताओं के साथ बातचीत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए अहम साबित होगी.

Quad Security Coalition important for India's security concerns us japan china Shobhana Jain's blog | भारत के सुरक्षा सरोकारों के लिए  ‘क्वाड सुरक्षा गठबंधन’ अहम, शोभना जैन का ब्लॉग

सस्ते कोविड टीकों को सुनिश्चित करने में सहयोग के लिए चल रही कोशिशों पर भी चर्चा करेंगे. (file photo)

Highlights‘यह चार राष्ट्रों के बारे में है जिनके हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दीर्घकालिक हित जुड़े हैं.यह (बातचीत) हिंद-प्रशांत में शांति और स्थिरता के लिए अहम है.हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सभी देशों को लाभ होगा.

‘नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था’ कायम करने की प्रतिबद्धता के साथ आज भारत, अमेरिका सहित  दुनिया के चार शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं के ‘सुरक्षा गठबंधन’ यानी  ‘चतुर्भुज सुरक्षा संवाद शिखर सम्मेलन’ (क्वाडिलेटेरल सिक्युरिटी डायलॉग) के पहले आभासी शिखर सम्मेलन पर दुनिया के अनेक देशों विशेष तौर पर चीन की नजरें लगी हैं.

हिंद प्रशांत क्षेत्र में इन देशों के बीच  विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के साथ इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती चौधराहट और विस्तारवादी मंसूबों पर अंकुश लगाने की दृष्टि से यह वर्चुअल शिखर बैटक खासी अहम मानी जा रही हैं.  इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ जापान और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री हिस्सा ले रहे हैं.

इस दौरान ये नेता आपसी हितों के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुले, मुक्त और समावेशी बनाए रखने के लिए सहयोग के व्यावहारिक क्षेत्रों के बारे में भी बात करेंगे. वर्तमान परिस्थितयों में भारत के लिए इस बैठक की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि लद्दाख गतिरोध के बीच हो रही इस क्वाड बैठक से ठीक पहले इसी सप्ताह चीन के विदेश मंत्री वेंग यी ने भारत को एक तरह से बड़ा संकेत देते हुए कहा कि चीन और भारत को एक-दूसरे को कमतर करने की बजाय आपसी शक-शुबहा खत्म करना चाहिए और सीमा मसले के समाधान के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए हालात बनाने चाहिए.

जाहिर है कि चीन क्वाड गठबंधन को लेकर आशंकित है या यूं कहें इसे एक चुनौती मानता है. निश्चय ही उसका यह रुख तीन वर्ष पूर्व  वेंग के उस बयान से अलग है जबकि उन्होंने क्वाड को सक्रिय करने के प्रयासों पर व्यंग्यात्मक टिपणी करते हुए कहा था कि यह सब अखबार में बड़ी सुर्खियां पाने का शोशा भर है जैसा कि समुद्री झाग होता है और जल्द ही यह सब कल की बात होकर रह जाएगी.

खैर ‘संवाद’ से शुरू हुए इस समूह को लेकर या इसके ‘स्वरूप’ के बारे में भले ही शुरुआती हिचकिचाहट हो, लेकिन इसकी स्थापना के तीन वर्षों के दौरान अब यह  धीरे-धीरे मजबूत इच्छाशक्ति से आगे एक विश्वसनीय और सार्थक गठबंधन बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

बहरहाल भारत के लिए अहम बात यह भी है कि चीन उसका पड़ोसी है और उसके साथ उसके संबंध फिलहाल तो निहायत ही असहज चल रहे हैं. भारत के खिलाफ चीन की निरंतर बढ़ती आक्रामकता के मद्देनजर क्वाड में भारत की बढ़ती भागीदारी एक दूरगामी रणनीति का संकेत मानी जा सकती है.

नवंबर 2017 के बाद से क्वाड समूह के देशों के बीच संयुक्त नौसैन्य अभ्यास सहित सुरक्षा मुद्दों पर विचार-विमर्श व्यापक रूप से बढ़ा भी है. उम्मीद तो यही है कि भारत के सुरक्षा सरोकार और क्षेत्रीय सहयोग सहित अन्य मुद्दों पर इस गठबंधन से उसे मजबूती मिलने की उम्मीद है. यह मजबूती कितनी होगी, इस पर नजर रहेगी.

इस शिखर बैठक पर भारत के पक्ष को विदेश मंत्रालय के इस बयान से समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ हिस्सा लेंगे.  बैठक  में चारों नेता  क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा वैश्विक समस्याओं पर भी चर्चा करेंगे.

कोरोना वायरस महामारी से लेकर जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा होने की उम्मीद है. आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘चारों देश  मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने की दिशा में सहयोग के व्यावहारिक क्षेत्रों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.

बयान के मुताबिक शिखर सम्मेलन समकालीन चुनौतियों जैसे लचीली आपूर्ति शृंखला, उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर बात करने का मौका देगा. सम्मेलन में नेता भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित, न्यायसंगत और सस्ते कोविड टीकों को सुनिश्चित करने में सहयोग के लिए चल रही कोशिशों पर भी चर्चा करेंगे.

निश्चित तौर पर क्वाड गठबंधन न केवल भारत के लिए बल्किसभी चारों देशों के सामरिक हित में है. साथ ही गठबंधन न केवल संभावित सामरिक हितों बल्कि आर्थिक मुद्दों विशेष तौर पर कोविड की वजह से हो रही  खस्ताहाल आर्थिक स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नया अवसर बन सकता है.

गठबंधन से भारत ्को विशेष तौर पर उसके सामरिक सुरक्षा हितों को मजबूती मिले, ऐसी अपेक्षाएं की जानी चाहिए. लेकिन धीरे-धीरे परिस्थितियों के अनुरूप जिस तरह से इसके उद्देश्य स्पष्ट होते जाएंगे, और अनुरूप कदम उठाए जाएंगे, उम्मीद की जानी चाहिए नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था मजबूत करने के लिए एक विश्वसनीय सार्थक गठबंधन के रूप में इसकी अहमियत बढ़ेगी.

Web Title: Quad Security Coalition important for India's security concerns us japan china Shobhana Jain's blog

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