इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक से अधिक बढ़ावा देने से कम होगा जानलेवा प्रदूषण

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: August 20, 2022 02:28 PM2022-08-20T14:28:30+5:302022-08-20T14:28:30+5:30

‘शहरों में वायु गुणवत्ता और स्वास्थ्य’ नामक रिपोर्ट के अनुसार पीएम 2.5 प्रदूषण के कारण दिल्ली और कोलकाता में वर्ष 2019 में प्रति एक लाख आबादी पर क्रमश: 106 और 99 लोगों की मौत हुई।

Promoting electric vehicles will reduce deadly pollution | इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक से अधिक बढ़ावा देने से कम होगा जानलेवा प्रदूषण

इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक से अधिक बढ़ावा देने से कम होगा जानलेवा प्रदूषण

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदूषण घटाने के लिए वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल पर जो जोर दिया है, निश्चित रूप से वह आज के समय की जरूरत है। गुरुवार को मुंबई में देश की पहली इलेक्ट्रिक डबल-डेकर वातानुकूलित बस के अनावरण के मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन बहुत अधिक लागत प्रभावी हैं। 

दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की दरें जिस तेजी से बढ़ रही हैं, उसके कारण इस पर आधारित वाहनों को चलाना महंगा पड़ रहा है। लेकिन इसके अलावा ऐसे वाहनों का जो सबसे बड़ा नुकसान है, वह है इनसे होने वाला प्रदूषण।

गडकरी के ही अनुसार देश में 35 प्रतिशत प्रदूषण डीजल और पेट्रोल के कारण होता है। जहां तक प्रदूषण से होने वाली मौतों का सवाल है, ‘शहरों में वायु गुणवत्ता और स्वास्थ्य’ नामक रिपोर्ट के अनुसार पीएम 2.5 प्रदूषण के कारण दिल्ली और कोलकाता में वर्ष 2019 में प्रति एक लाख आबादी पर क्रमश: 106 और 99 लोगों की मौत हुई।

आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019 में दुनिया के 7239 शहरों में पीएम 2.5 की वजह से 17 लाख मौतें हुईं। यह तो प्रदूषण के कारण मरने वालों का आंकड़ा है, जबकि करोड़ों लोग प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों से जिंदगी भर जूझते हैं और यह कहना गलत नहीं होगा कि धीमी मौत मरते हैं। 

पीएम 2.5 अति सूक्ष्म कण होते हैं जो फेफड़ों और श्वसन पथ में सूजन को बढ़ाते हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने सहित हृदय और श्वसन संबंधी समस्याएं होने का खतरा रहता है। इसलिए इस प्रदूषण पर यदि अंकुश लगाना है तो वैकल्पिक ईंधनों को बढ़ावा देना ही होगा। 

हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देना इतना आसान नहीं है क्योंकि निकल, लीथियम, कोबाल्ट सहित प्रमुख कच्चे माल की कीमतें तेजी से बढ़ने के कारण बैटरियों की लागत भी बढ़ी है, लेकिन सरकार अगर चाहे तो ऐसे वाहनों पर सब्सिडी बढ़ाकर और टैक्स में पूरी छूट देकर इनकी बिक्री को प्रोत्साहित कर सकती है। 

वैसे सरकार ऐसे इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दे भी रही है और मुंबई में देश की पहली इलेक्ट्रिक डबल डेकर एसी बस को सड़क पर उतारा जाना इसी का उदाहरण है। उम्मीद है कि लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर भी ईवी को अपनाने के लिए अधिकाधिक बढ़ावा दिया जाएगा ताकि जानलेवा प्रदूषण को घटाया जा सके।

Web Title: Promoting electric vehicles will reduce deadly pollution

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