प्रकाश बियाणी का ब्लॉगः सिंधु जल संध- खून और पानी एक साथ न बहे
By Prakash Biyani | Published: February 18, 2019 12:16 PM2019-02-18T12:16:32+5:302019-02-18T12:16:32+5:30
पाकिस्तान में 90 फीसदी सिंचित खेती सिंधु नदी के जल से होती है, यही वहां पेयजल का मुख्य स्रोत है अत: पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंक का यह वास्तविक और स्थायी बदला है.
प्रकाश बियाणी
पाकिस्तान से स्थायी बदले का भारत के पास ब्रह्मास्त्न है- सिंधु जल समझौता. भारत और पाकिस्तान में बहनेवाली छह नदियां हैं. व्यास और रावी नदी कुल्लू में रोहतांग दर्रे से निकलती हैं. व्यास कांगड़ा घाटी पार करने के बाद वाया पंजाब सतलुज में मिलती है. रावी नदी हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर तथा पंजाब होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करती है और चिनाब नदी में मिलती है. पंजाब में बहने वाली पांचों नदियों में सबसे लंबी सतलुज पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है. हिमाचल प्रदेश की चंद्रभागा नदी के संगम से बनी चिनाब नदी जम्मू व कश्मीर से होते हुए पाकिस्तान में सिंधु नदी में मिलती है. कश्मीर की शेषनाग झील से निकलनेवाली ङोलम नदी कश्मीर में बहती हुई पाक अधिकृत कश्मीर में पहुंचती है और चिनाब में मिलती है. पाकिस्तान की सबसे लंबी और राष्ट्रीय नदी है- सिंधु. इसका उद्गम है मानसरोवर (तिब्बत) स्थित सिन-का-बाब नामक जलधारा. 2880 किलोमीटर लंबी सिंधु तिब्बत और कश्मीर से पाकिस्तान के बीच से गुजरकर अरब सागर में मिलती है.
इन नदियों के जल के बंटवारे के लिए 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता हुआ था. इसके अनुसार पश्चिमी नदियों- सिंधु, चिनाब और ङोलम का पानी पाकिस्तान को और पूर्वी नदियों- व्यास, रावी और सतलुज का जल भारत को आवंटित किया गया था. पाकिस्तान को आवंटित नदियों का ज्यादा पानी भारत में बहता है इसलिए भारत को पश्चिमी नदियों के पानी के सिंचाई, ऊर्जा जनरेशन, इंडस्ट्रियल, नेविगेशन, फिशिंग आदि के उपयोग की अनुमति दी गई थी.
2016 में उड़ी की आतंकवादी घटना के बाद प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने सिंधु जल समझौते को रिव्यू करते हुए कहा कि भारत अब उसे आवंटित पानी का शत-प्रतिशत उपयोग करेगा. हम बांध बनाकर इस्तेमाल न किया जा रहा पानी पाकिस्तान जाने से रोकेंगे. पाकिस्तान के विरोध के बावजूद इस दिशा में काम करते हुए जनवरी 2019 में केंद्रीय मंत्नी नितिन गडकरी और उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों ने रेणुकाजी डैम प्रोजेक्ट बनाने के सहमति पत्न पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे इन राज्यों में सिंचित खेती बढ़ेगी और दिल्ली को पेयजल मिलेगा.
पुलवामा की ताजा आतंकवादी घटना के बाद आक्रोशित भारत के लोगों का कहना है कि 1960 से अब तक इन नदियों का स्वरूप बदल गया है. नए भारत की नई नीति के तहत इस समझौते को अमान्य करना चाहिए. पाकिस्तान में 90 फीसदी सिंचित खेती सिंधु नदी के जल से होती है, यही वहां पेयजल का मुख्य स्रोत है अत: पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंक का यह वास्तविक और स्थायी बदला है.