विमान हादसा: कहीं ईंधन की तरलता से छेड़छाड़ तो नहीं हुई ?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 20, 2025 18:25 IST2025-06-19T07:08:19+5:302025-06-20T18:25:06+5:30

एक सोच यह है कि किसी वजह से ईंधन इंजनों तक नहीं पहुंच पाया हो, लेकिन दोनों इंजनों में एक साथ ऐसा होने की संभावना नहीं है,

Plane crash Was the fuel fluid tampered with | विमान हादसा: कहीं ईंधन की तरलता से छेड़छाड़ तो नहीं हुई ?

विमान हादसा: कहीं ईंधन की तरलता से छेड़छाड़ तो नहीं हुई ?

लेखक- अनुपम गोयल

पिछले दिनों जब एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान 242 यात्रियों के साथ दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तब से टीवी चैनलों पर इस बात पर  बहस हो रही है कि विमान क्यों दुर्घटनाग्रस्त हुआ. कई विमानन विशेषज्ञ दुर्घटना के कारणों पर अटकलें लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई भी विश्वसनीय तर्क सामने नहीं आया है.

पुख्ता सबूत के रुप में कुछ है तो वह यह कि फ्लाइट के क्रैश होने से पहले प्लेन के पायलट फ्लाइट कैप्टन सुमित सभरवाल ने मे डे का मैसेज एटीसी को भेजा था जिसमें उन्होंने बताया था कि प्लेन और ऊपर जाने के लिए थ्रस्ट नहीं पैदा कर पा रहा है.

कई लोगों का अनुमान है कि विमान इसलिए गिरा, क्योंकि दोनों इंजन उड़ान के लिए आवश्यक या पर्याप्त क्षमता उत्पन्न नहीं कर पाए. लेकिन अभी तक कोई भी इंजनों के पर्याप्त क्षमता उत्पन्न न कर पाने का कोई विश्वसनीय कारण नहीं बता पाया है.

एक सोच यह है कि किसी वजह से ईंधन इंजनों तक नहीं पहुंच पाया हो, लेकिन दोनों इंजनों में एक साथ ऐसा होने की संभावना नहीं है, क्योंकि दोनों पाइप लाइनों में एक साथ किसी तरह की यांत्रिक रुकावट आने की संभावना बहुत ही कम होती है.  

हालांकि न तो मैं विमानन विशेषज्ञ हूं और न ही कोई विशेषज्ञ जानकार, लेकिन एक इंजीनियर और विज्ञान के छात्र के रूप में मुझे यह स्पष्ट लगता है कि ईंधन के इंजनों तक न पहुंचने का कोई मानव निर्मित कारण भी हो सकता है. विज्ञान के आधार पर यह संभव है कि ईंधन ने किसी तरह अपनी तरलता खो दी हो और वह जेल या ठोस रूप में बदल गया हो, जिससे ईंधन इंजन तक पहुंचने में असमर्थ हो गया हो जबकि उसका मार्ग अवरुद्ध न हुआ हो. मगर अति सुरक्षा के क्षेत्र में ईंधन भरे जाने के बावजूद ऐसा कैसे हो सकता है?

इसका जवाब काफी सरल है. सब जानते हैं कि एक कोबरा सांप जब किसी बड़े जानवर को काटता है तो वह कुछ ही समय में मर जाता है, जिसका कारण जहर माना जाता है. दरअसल वही जहर जानवर के शरीर में खून जमा देता है और उसकी तरलता खोने से वह मर जाता है.

इसी तरह, अगर विमान में आखिरी बार ईंधन भरते समय किसी ने ईंधन भरने वाले स्टेशन पर थोड़ी मात्रा में जमावट करने वाला पदार्थ (कोगुलेंट) मिला दिया हो तो संभव है कि ईंधन की तरलता घटने से उसका प्रवाह इंजन में रुक जाए. संभव यह भी है कि इस काम को किसी ऐसे व्यक्ति ने अंजाम दिया हो, जो किसी शक के दायरे में न हो और वह हवाई अड्डे की प्रक्रियाओं को अच्छी तरह जानता और निगरानी प्रणालियों तथा सीसीटीवी कैमरों की अच्छी जानकारी रखता हो.

एक सामान्य समझ के आधार पर जब हमारे पड़ोसियों के साथ संबंधों की कड़वाहट सभी हदों को पार चुकी हो, तो यह भी एक वास्तविक संभावना प्रतीत होती है. इसलिए इस बारे में बिना अधिक समय गंवाए, डीजीसीए और जांच में सहयोग करने वाली अन्य एजेंसियों को इस आशंका पर गौर करना चाहिए.

इससे पहले कि कोई साजिशकर्ता अपराध में अपनी संलिप्तता के सभी निशान मिटा दे, साजिश को समय रहते बेनकाब कर दिया जाना चाहिए. अन्यथा ऐसे लोगों के बच निकलने से भविष्य में ऐसी ही कुछ और भयानक त्रासदियों को अंजाम देने वालों के हौसले बुलंद हो सकते हैं.

Web Title: Plane crash Was the fuel fluid tampered with

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