पीयूष पांडे का ब्लॉग: बिजली कटौती में भी छुपे हैं अनेक लाभ

By पीयूष पाण्डेय | Published: October 17, 2020 02:35 PM2020-10-17T14:35:23+5:302020-10-17T14:35:23+5:30

हाल में जब मुबई में कुछ घंटों के लिए बिजली गुल हुई तो हंगामा मच गया. मुंबई में और भी कई समस्याएं हैं लेकिन हंगामा सबसे ज्यादा बिजली पर मचा. वैसे इसके भी फायदे हैं.

Piyush Pandey's blog: Mumbai Power cut satire benefits in power cuts | पीयूष पांडे का ब्लॉग: बिजली कटौती में भी छुपे हैं अनेक लाभ

मुंबई में गई बिजली पर जब मचा हंगामा (फाइल फोटो)

Highlightsमुंबई में कुछ घंटों के लिए गई बिजली तो हंगामा मच गयाजहां महंगाई, बारिश में डूबने पर हाहाकार नहीं मचता, वहां बिजली पर हंगामा मचा

कहते हैं कि मुंबई शहर कभी थमता नहीं. लेकिन बीते सोमवार को मुंबई शहर की बिजली क्या गुल हुई, पूरा शहर ठप हो गया. हाहाकार मच गया. जिस शहर में कभी महंगाई को लेकर हाहाकार नहीं मचता, बारिश में डूबने पर हाहाकार नहीं मचता, वहां बिजली गुल होने से हड़कंप मच गया. 

इसके बाद ‘कहते हैं’ वाले कांसेप्ट पर मुझे बहुत गुस्सा आया. वैसे भी, कहते तो ये भी हैं कि ‘राम राज’ होता है. कैसा होता है, कहां होता है, कुछ पता नहीं. कहते हैं कि नेता का अर्थ होता है नेतृत्व करने की ताकत रखने वाला वह शख्स, जो ईमानदारी से अपने पीछे चलने वाले लोगों के हक के लिए लड़ता है. लेकिन, ये भी कहने वाली ही बात है. 

नेता इन दिनों सिर्फ टिकट पाने की कोशिश करते वक्त ईमानदार होता है. इस मामले में वो इतना ईमानदार होता है कि चुनाव के वक्त पार्टी टिकट न दे तो वो अपनी विचारधारा समेत दूसरी पार्टी में कूद पड़ता है.

लेकिन नेताओं पर कुछ भी लिखना उसी तरह वक्त की बर्बादी है, जिस तरह नेताओं के वादा पूरा करने का भाषण सुनना. मैं बिजली गुल होने के मुद्दे पर लिखना चाहता हूं. कई लोग मानते हैं कि बिजली कटौती गलत है. किंतु इस मामले में मेरा नजरिया सरकार की तरह है. यानी आशावादी. 

जिस तरह सरकार को सदैव अपना हर काम अच्छा और विपक्ष को सरकार का हर काम गलत दिखाई देता है, उसी तरह मैं मानता हूं कि बिजली कटौती के फायदे ही फायदे हैं. और कायदे से 22 घंटे बिजली कटौती होनी चाहिए. दरअसल, धुआंधार बिजली कटौती रहती है तो लोग सोते नहीं हैं. इस तरह चोर-लुटेरों की दुकान ठप हो जाती है और बिजली मुक्त होते हुए इलाका अपराधमुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ता है. 

उत्तर प्रदेश के कई गांव इसीलिए अपराधमुक्त हैं. बिजली कटौती की वजह से लोग जागते हैं और मच्छरों के आतंक का करारा जवाब देते हैं. जो लोग अपने जमीर की हत्या नहीं कर पाते, वे मच्छरों की हत्या कर संतुष्टि महसूस करते हैं. जमीर की हत्या कर चुके लोगों को मच्छर क्या डायनासोर भी काट ले तो फर्क नहीं पड़ता. 

बिजली कटौती का एक बड़ा लाभ समाज को एकजुट करने में है. बिजली न आने पर सभी एकजुट हो बिजलीघरों पर तोड़फोड़ करते हैं, धरना देते हैं.

बिजली कटौती का एक लाभ यह है कि बिजली का बिल कम आता है. फिर घर में एसी, फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन सब रखे हों और बिजली न हो तो आध्यात्मिकता का भाव जागता है. इंसान समझ जाता है कि सब मोह माया है. 

दरअसल, बिजली कटौती को लोग सरकार की बदइंतजामी, नाकारापन, काहिली और भ्रष्टाचार वगैरह से जोड़कर देखते हैं. जबकि बिजली कटौती के अनेक लाभ हैं. मेरी सरकार से मांग है कि मुंबई समेत देश के तमाम हिस्सों में बिजली गुल की व्यवस्था को स्थायी किया जाए.

Web Title: Piyush Pandey's blog: Mumbai Power cut satire benefits in power cuts

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