पाकिस्तान में पैदा हुए इसी डर का इंतज़ार तो भारत 70 वर्षों से कर रहा था!
By विकास कुमार | Published: April 7, 2019 08:03 PM2019-04-07T20:03:17+5:302019-04-07T20:03:17+5:30
आजादी के नाम पर कश्मीर में इस्लामिक जिहाद की प्रयोगशाला स्थापित की गई जिसका परीक्षण कभी जैश-ए-मोहम्मद ने तो कभी हिजबुल मुजाहिद्दीन ने किया. इसी प्रोजेक्ट के तहत कश्मीरी पंडितों को भगा कर घाटी को हिन्दूविहीन कर दिया गया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का एक बयान सामने आया है कि भारत 16 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच एक और हमला कर सकता है. उनके मुताबिक, उनके पास पुष्ट ख़ुफ़िया जानकारी है. कुरैशी ने कहा कि उन्होंने इस बात की जानकारी संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों को भी दे दी है. इसका मतलब साफ है कि पाकिस्तान खौफ़ में है.
सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना और वहां के नेताओं को इस बात का एहसास हो चुका है कि भारत अब पाकिस्तान में घुस कर हमला करने में जरा भी नहीं हिचकेगा. क्योंकि महमूद कुरैशी ने ये भी कहा है कि भारत पीओके में नहीं पाकिस्तान में हमले की योजना बना रहा है. और इस बार निशाना सैनिक प्रतिष्ठान होंगे.
भारत से तीन लड़ाइयों में हारने के बाद पाकिस्तान ने प्रॉक्सी वॉर को अपना मुख्य हथियार बनाया. आजादी के नाम पर कश्मीर में इस्लामिक जिहाद की प्रयोगशाला स्थापित की गई जिसका परीक्षण कभी जैश-ए-मोहम्मद ने तो कभी हिजबुल मुजाहिद्दीन ने किया. इसी प्रोजेक्ट के तहत कश्मीरी पंडितों को भगा कर घाटी को हिन्दूविहीन कर दिया गया.
प्रबल राजनीतिक नेतृत्व
परमाणु बम के धौंस पर भारत को किसी भी तरह की कारवाई करने से रोकने का मनोवैज्ञानिक दबाव पाकिस्तानी जनरलों और नेताओं का एक नापाक फैशन बन गया था. लेकिन बालाकोट एयरस्ट्राइक ने उनके इस भ्रम को भी तोड़ दिया. आतंकवाद की खेती ने उन्हें ऐसी परिस्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है जहां दुनिया के देशों के सामने जवाब देना उनके लिए मुश्किल हो गया है. कल तक जो मुस्लिम देश पाकिस्तान के साथ खड़े रहते थे आज वो भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित कर रहे हैं.
बालाकोट एयरस्ट्राइक ने पाकिस्तान को भारत की सैन्य क्षमता के साथ-साथ राजनीतिक नेतृत्व की ताकत का भी एहसास करा दिया है. पाकिस्तान का डर उसके हांफते इस्लामिक जिहाद का और भारत के वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने का सबसे विश्वसनीय प्रमाण है.