वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: एक साथ चुनाव ही सर्वश्रेष्ठ

By वेद प्रताप वैदिक | Published: June 21, 2019 06:11 AM2019-06-21T06:11:46+5:302019-06-21T06:11:46+5:30

एक साथ चुनाव के मुद्दे पर विचार करने के लिए सरकार ने उन 40 दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया था, जिनका एक भी सदस्य अभी की संसद में चुना गया हो. 40 में से 24 दल आए. तीन दलों ने लिखकर अपने विचार भेज दिए. नई संसद का सत्न शुरू हुआ है.

One nation one election is the best option for indian democracy | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: एक साथ चुनाव ही सर्वश्रेष्ठ

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मोदी सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ करवाने के विचार को पकड़ा तो सही लेकिन उसे पता नहीं कि इस अभूतपूर्व पहल को शुरू करने के पहले उसे क्या-क्या कदम उठाने चाहिए, बिल्कुल वैसे ही जैसे कि नोटबंदी या जीएसटी लागू करते समय हुआ था. यह मामला नोटबंदी और जीएसटी से भी ज्यादा नाजुक है. यदि इसमें जरा भी लापरवाही हो गई तो सरकार को लेने के देने पड़ जाएंगे. होम करते हाथ जल जाएंगे.

एक साथ चुनाव के मुद्दे पर विचार करने के लिए सरकार ने उन 40 दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया था, जिनका एक भी सदस्य अभी की संसद में चुना गया हो. 40 में से 24 दल आए. तीन दलों ने लिखकर अपने विचार भेज दिए. नई संसद का सत्न शुरू हुआ है. सारे सांसद दिल्ली में ही होते हैं. फिर भी वे आए क्यों नहीं? कांग्रेस, तृणमूल, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसे महत्वपूर्ण दलों ने इस बैठक का बहिष्कार किया. 

14 दलों ने एक साथ चुनाव पर हां भरी और 16 दलों ने असहमति जाहिर की. जो नहीं आए, उन्होंने भी असहमति भेज दी. प्रधानमंत्नी और रक्षा मंत्नी का रवैया काफी रचनात्मक रहा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे सबकी राय लेकर ही आगे बढ़ेंगे. सरकार को पता है कि यदि सारे विरोधी दल एक साथ चुनाव का बहिष्कार कर दें तो उस चुनाव की वैधता ही शून्य हो जाएगी. इस मुद्दे पर यदि सर्वसम्मति बन सके तो वह अति उत्तम होगा. 

यदि भारत ने यह नई पद्धति लागू कर दी तो सारी दुनिया, जहां भी संसदीय लोकतंत्न है, भारत का अनुकरण करेगी. यह ठीक है कि भारत को अपने संविधान में संशोधन करना होगा. अपने चुनाव आयोग और विधि आयोग का पूर्ण सहयोग लेना होगा. सिर्फ सांसदों ही नहीं, इस प्रावधान की तैयारी समिति में विधि विशेषज्ञों को भी रखना होगा. देश की जनता के सामने यह स्पष्ट भी करना होगा कि किसी व्यक्ति-विशेष की तानाशाही स्थापित करने के लिए यह व्यवस्था नहीं की जा रही है. कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह पिछले दरवाजे से अध्यक्षीय या राष्ट्रपति शासन-प्रणाली स्थापित करने का षड्यंत्न है. 
 

Web Title: One nation one election is the best option for indian democracy

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