निरंकार सिंह का ब्लॉग: कैंसर की भयावह वृद्धि दर रोकने की दिशा में कदम

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 7, 2020 01:23 PM2020-11-07T13:23:11+5:302020-11-07T13:38:12+5:30

7 नवंबर को हर साल राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है. कैंसर पर जागरूकता फैलाने के लिए काफी काम भी हाल के वर्षों में हो रहे हैं. 2014 में पहली बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा इस दिन को कैंसर के लिए जागरूकता के लिए घोषित किया गया था.

Nirankar Singh blog: More Steps to stop cancer | निरंकार सिंह का ब्लॉग: कैंसर की भयावह वृद्धि दर रोकने की दिशा में कदम

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस, 2014 से हुई इसे मनाने की शुरुआत (फाइल फोटो)

Highlightsकैंसर के लक्षणों और उपचार के बारे में जागरूकता के लिए 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता हैभारत में गांवों और शहरों में तुलना की जाए तो गांव से सर्वाइकल और शहर से स्तन कैंसर के मामले ज्यादा आते हैं

देश में हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है, ताकि कैंसर के लक्षणों और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके. यह दिवस पहली बार 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा घोषित किया गया था. कैंसर पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज में जागरूकता पैदा की जाए. 

हमारे देश की बहुसंख्यक गरीब आबादी के पास कैंसर से समय पर सतर्क होने और जूझने की क्षमता नहीं है. कैंसर के अस्पतालों का अकाल तो है ही, बड़े अस्पतालों तक गरीबों की पहुंच बड़ी मुश्किल है. इसलिए अस्पतालों में पहुंचने से पहले या आधे-अधूरे इलाज से तमाम लोगों की मौत हो जाती है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कैंसर के सस्ते इलाज के लिए कुछ कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में शामिल देश के गरीब कैंसर मरीज भी जल्द अब घर बैठे विश्वस्तरीय डॉक्टरों से सलाह ले सकेंगे.

पीएमजेएवाई का संचालन करने वाली संस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) कैंसर के इलाज के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल की ओर से विकसित नाव्या एप्प की सेवाएं लेने की तैयारी में है. इससे एक बार डॉक्टर को दिखा लेने के बाद मरीज को बार-बार डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा. एप्प में मरीज का डाटा डालकर विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श हासिल किया जा सकेगा.  

दि ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (1990-2016) के अनुसार भारत में महिलाओं में सबसे ज्यादा स्तन कैंसर के मामले सामने आए हैं. स्टडी के अनुसार महिलाओं में स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर, पेट का कैंसर, कोलोन एंड रेक्टम और लिप एंड कैविटी कैंसर के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं. 

गांवों और शहरों में तुलना की जाए तो गांव से सर्वाइकल और शहर से स्तन कैंसर के मामले ज्यादा सामने आते हैं. लेकिन पूरे भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे पहले नंबर पर है. इसका मुख्य कारण देर से शादियां होना, गर्भधारण में देरी, स्तनपान कम करवाना, बढ़ता तनाव, लाइफस्टाइल और मोटापा है. 

इस रिपोर्ट में सामने आया है कि इस समय जहां ब्रेस्ट कैंसर के मामलों की संख्या 377830 है, वह साल 2025 तक बढ़कर 427273 हो जाएगी. वर्तमान में भारत में कैंसर के कुल मामलों में से ब्रेस्ट कैंसर का प्रतिशत 14 है. लेकिन यह रिपोर्ट एक नई बात बताती है कि ब्रेस्ट कैंसर के सबसे ज्यादा मामले मेट्रो शहरों में सामने आ रहे हैं.  

आईसीएमआर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में अगले पांच सालों में कैंसर के मामलों की संख्या में 12 फीसदी की वृद्धि होगी. साल 2025 तक भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या 15.69 लाख के पार निकल जाएगी जोकि इस समय 14 लाख से भी कम है. पिछले कुछ सालों में दिल्ली जैसे महानगरों में कम उम्र के लोगों में स्टेज फोर कैंसर की पुष्टि होने की खबरें सामने आई थीं. 

इस रिपोर्ट में ये सामने आया है कि दिल्ली में बच्चों में कैंसर के मामले सामने आने की संख्या बढ़ गई है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 18 अगस्त 2020 को भारत में कैंसर के बढ़ते मामलों पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी. यह रिपोर्ट आने के बाद मेडिकल क्षेत्र के विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ गई हैं. क्योंकि ये रिपोर्ट उन सभी आशंकाओं को पुष्ट करती है जो कि मेडिकल क्षेत्र के विशेषज्ञ पिछले पांच-छह सालों से ग्राउंड पर देख रहे हैं, ये उसी के फ्यूचर प्रोजेक्शन हैं. 

ये रिपोर्ट दरअसल जमीनी स्थिति को दिखा रही है. इस रिपोर्ट में यह सामने आया है कि साल 2020 में तंबाकू की वजह से कैंसर ङोल रहे लोगों की संख्या 3.7 लाख है जो कि कुल कैंसर मरीजों का 27.1 फीसदी है. ऐसे में तंबाकू वो सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है जिसकी वजह से लोग अलग-अलग तरह के कैंसर का सामना कर रहे हैं. 

भारत में एजल ऐसे जिले के रूप में उभरकर सामने आया है जहां पर कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही पूरे एशिया में महिलाओं में लंग कैंसर के सबसे ज्यादा मामले भी एजल में ही देखे गए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर से बचने के लिए तंबाकू का इस्तेमाल बिलकुल बंद करना चाहिए.

इस साल चिकित्सा का नोबल पुरस्कार जिन तीन वैज्ञानिकों को देने की घोषणा की गई है उनकी खोज से भी अब कैंसर, एनीमिया और कोशिकाओं से जुड़ी हुई कई अन्य बीमारियों के इलाज का रास्ता खुलेगा.

Web Title: Nirankar Singh blog: More Steps to stop cancer

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