जगत प्रकाश नड्डा का ब्लॉगः अपने कार्यों से अर्जित किया जनता का भरोसा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 17, 2020 08:42 AM2020-09-17T08:42:48+5:302020-09-17T08:42:48+5:30
देश के लिए सोचने का नजरिया प्रधानमंत्नी मोदी का ब्लूप्रिंट है, जिसमें गरीब, जरूरतमंद की चिंता प्राथमिक है. लोकतंत्न में विकास के अवसर क्षेत्न, वर्ग या व्यक्ति के आधार पर न होकर आवश्यकता के आधार पर होंगे. यह नजरिया आज सिस्टम में भी विकसित हुआ है. जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाकर इसी विचार को पुष्ट किया गया है कि देश के सभी नागरिक और क्षेत्न समान हैं.
प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी आज विश्वास और उम्मीद के प्रतीक हैं. उनके नेतृत्व में भारत आंतरिक मोर्चे, अंतरराष्ट्रीय मंच और आमजन के विषयों पर दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. उनके नेतृत्व में इन छह सालों में देश के नागरिकों में गर्व और स्वाभिमान का संचार हुआ. अखिल विश्व में भारत के प्रति देखने और सोचने का नजरिया बदला. इस कालखंड में गरीबों को ध्यान में रखकर बनी योजना और नीति का फायदा मिल रहा है. उनके सम्मान, भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, रोजगार जैसे मूलभूत विषयों का मोदी सरकार द्वारा समाधान हो रहा है. शौचालय जैसे आवश्यक किंतु उपेक्षित विषय पर लाल किले की प्राचीर से चिंता जता कर मोदी ने पूर्व की परंपरा ही नहीं तोड़ी बल्कि अहसास दिलाया कि राष्ट्र के संबोधन में धरातल की सच्चाई पर चर्चा होनी चाहिए और उसे साकार करने का संकल्प ऐसे महत्वपूर्ण अवसरों पर लेना चाहिए.
जन-धन खाते, रोजगार, आवास योजना, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत जैसे विषय बताते हैं कि सत्ता सुख भोगने या पीढ़ियों को उपकृत करने का साधन नहीं है. लीक से हटकर मोदी ने टू द पीपल, फॉर द पीपल, बाय द पीपल के विचार को सार्थक किया. आमजन को सरकार की उपयोगिता, सरकार के निर्णय और स्वयं नागरिक होने की जिम्मेदारी का बोध होने और राष्ट्रीय अभियानों में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने का वातावरण बनाया.
देश के लिए सोचने का नजरिया प्रधानमंत्नी मोदी का ब्लूप्रिंट है, जिसमें गरीब, जरूरतमंद की चिंता प्राथमिक है. लोकतंत्न में विकास के अवसर क्षेत्न, वर्ग या व्यक्ति के आधार पर न होकर आवश्यकता के आधार पर होंगे. यह नजरिया आज सिस्टम में भी विकसित हुआ है. जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाकर इसी विचार को पुष्ट किया गया है कि देश के सभी नागरिक और क्षेत्न समान हैं. सबका विकास समान अधिकारों के साथ होगा. डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी ने इसी विचार के लिए बलिदान दिया. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने का सपना भी मोदी सरकार में ही मुमकिन हुआ. मुस्लिम बहनों के लिए तीन तलाक जैसा अपमानजनक विषय इसलिए समाप्त किया गया कि किसी समाज की आधी आबादी को किसी प्रथा से पीड़ित नहीं किया जा सकता.
प्रधानमंत्नी मोदी ने सदैव अपने संबोधन में एक सौ पच्चीस करोड़ देशवासियों को देश की तकदीर बदलने वाला साधन और संसाधन माना. अभी तक जिसे भीड़ की संज्ञा दी जाती थी और बढ़ती आबादी को सभी दिक्कतों की जड़ माना जाता था उसे नया नजरिया देकर प्रधानमंत्नी ने उसे नए मायने दिए ‘अगर हम उपभोक्ता हैं तो उत्पादक क्यों नहीं’. हमारी बाहरी देशों व तकनीकी पर निर्भरता बदलने का काम प्रधानमंत्नी मोदी ने किया. मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसे अभियान देश की धमनियों में विकास रोजगार का संचार करने वाले साबित हुए.
अत्यंत निर्धन पृष्ठभूमि से आने वाले प्रधानमंत्नी मोदी ने एक नागरिक के रूप में जिन अनुभवों का जीवन में साक्षात्कार किया, वह उनके चिंतन का स्थायी उत्प्रेरक है जिन्हें वे हर योजना, विचार और कार्यक्र म में प्रमुखता से स्थान देते हैं. शौचालय एक महिला की निजी जिंदगी में कितना महत्वपूर्ण है, उस पर संवेदनशीलता की पराकाष्ठा तक जाकर सोचना और धरातल पर उसके समाधान को उतारने का राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम लाना दुरूह कार्य था, जो जनआंदोलन बन गया.
ईंधन की व्यवस्था एक नारी की दिनचर्या का जरूरी और समय खपाने वाला हिस्सा था, जिसका समाधान उज्ज्वला योजना के रूप में एक महाअभियान बन गया. प्रधानमंत्नी मोदी द्वारा बेटियों की शिक्षा, स्वरोजगार, सुरक्षा और मातृत्व से लेकर वृद्धावस्था तक हर जगह सरकार की योजना का संबल देना बताता है कि पदों पर संवेदनशील व्यक्ति के बैठने पर किस तरह समाज को प्रत्यक्ष लाभ मिलता है. वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है.
विश्वभर में भय और निराशा का वातावरण बना किंतु भारत ने इन परिस्थितियों का डटकर मुकाबला किया. देश के 80 करोड़ लोगों को मार्च से नवंबर तक के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई. 1.70 लाख करोड़ रु. की प्रधानमंत्नी गरीब कल्याण योजना, 20 लाख करोड़ की निधि से आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की गई. गरीबों को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्नी गरीब रोजगार योजना की शुरुआत की गई. एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए एक लाख करोड़ रु. की व्यवस्था की गई. वोकल फॉर लोकल का अभियान शुरू कर प्रधानमंत्नी ने आत्मनिर्भर भारत को नई दिशा दी.
प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी के छह वर्षो के कार्यकाल में देश की जनता को इसकी अनुभूति हुई है कि गरीबों के लिए काम करने वाली सरकार कैसी होती है, देश को आगे ले जाने वाली सरकार कैसी होती है और देश के प्रति दुनिया के नजरिये में बदलाव लाने वाली सरकार कैसी
होती है.