वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉग: ओलांद ने राफेल से बरसा दिए मोदी सरकार पर बम!

By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 24, 2018 07:34 AM2018-09-24T07:34:47+5:302018-09-24T14:39:58+5:30

नरेंद्र मोदी ने फ्रांसुआ ओलांद को गणतंत्र दिवस (2016) पर मुख्य अतिथि आखिर क्यों बनाया? अनिल अंबानी जैसे उद्योगपति को लड़ाकू जहाज बनाने की अनुमति कैसे दे दी?

modi Government stuck in Rafale Deal | वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉग: ओलांद ने राफेल से बरसा दिए मोदी सरकार पर बम!

वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉग: ओलांद ने राफेल से बरसा दिए मोदी सरकार पर बम!

लड़ाकू विमान राफेल के सौदे ने अब बड़ा खतरनाक मोड़ ले लिया है। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने इसी विमान से मोदी सरकार पर बम बरसा दिए हैं। 

वह विमान बनने के बाद भारत आएगा या नहीं, कुछ पता नहीं लेकिन यह भी पता नहीं कि मोदी सरकार अब अपनी जान कैसे बचाएगी?

ओलांद ने एक फ्रांसीसी पत्रकार को राफेल-सौदे के बारे में जो इंटरव्यू दिया है, उसमें उन्होंने साफ-साफ कहा है कि अनिल अंबानी की कंपनी को इस सौदे में शामिल करने का प्रस्ताव भारत सरकार ने दिया था।

वे भारत सरकार के प्रस्ताव को रद्द कैसे करते? ओलांद ने यह बयान क्यों दिया? इसलिए दिया कि फ्रांस के अखबारों में उन पर यह आरोप लग रहा था कि वे अपनी प्रेमिका जूली गाए को खुश करना चाह रहे थे

जूली उनके साथ 26 जनवरी 2016 को भारत आई थी। वह एक बहुत महंगी फिल्म बना रही थी। 85 करोड रु. की फिल्म का एक चौथाई खर्च अंबानी ने उठाने का वादा किया था।

मोदी ने ओलांद को गणतंत्र दिवस (2016) पर मुख्य अतिथि आखिर क्यों बनाया?

अनिल अंबानी को कैसे मिली राफेल बनानी की अनुमति

अनिल अंबानी जैसे उद्योगपति को लड़ाकू जहाज बनाने की अनुमति कैसे दे दी?

अंबानी को 2015 में मोदी अपने साथ पेरिस क्यों ले गए थे?  जहाज बनानेवाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की जगह एक गैर-सरकारी कंपनी, जो कल पैदा हुई और जिसे विमान-निर्माण का कोई अनुभव नहीं, उसे यह सौदा कैसे मिल गया? 

सबसे बड़ा सवाल यह है कि 500 करोड़ के जहाज की कीमत 1600 करोड़ रु. कैसे हो गई?

60 हजार करोड़ के इस सौदे में फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट को यदि 15 हजार करोड़ भी दे दिए गए तो प्रश्न यह है कि शेष 45 हजार करोड़ रु . का क्या होगा? वे किसकी जेब में जाएंगे?

अनिल अंबानी को 5-10 हजार करोड़ से ज्यादा मिलना तो असंभव है। राफेल विमान अभी बनने शुरू नहीं हुए हैं, अत: यह सौदा रद्द करने में ही समझदारी है। 

डर यही है कि कही सौदा रह न जाए और सरकार ढह न जाए।

Web Title: modi Government stuck in Rafale Deal

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