ब्लॉग: बिहारी 'गुंडा' नहीं 'सौभाग्यशाली' है!
By विवेकानंद शांडिल | Published: July 30, 2021 10:11 AM2021-07-30T10:11:57+5:302021-07-30T11:50:20+5:30
जातिवाद की तरह ही भारत में क्षेत्रवाद भी दशकों से हावी रहा है। हम एक भारतीय होने का दावा तो करते हैं लेकिन हकीकत में विभाजित नजर आते हैं।
ये दुर्भाग्य है कि जिस बिहार को 'ज्ञान की भूमि' कहा जाता है, 'विद्या भूमि' के नाम से जाना जाता है वहां के लोगों को गुंडा कहकर पुकारा जाता है।
जातिवाद की तरह ही क्षेत्रवाद दशकों से रहा है हावी!
भारत में जातिवाद की तरह ही क्षेत्रवाद भी दशकों से हावी रहा है। कहने को हम एक भारतीय होने का दावा करते हैं लेकिन हकीकत में विभाजित नजर आते हैं। ये सिर्फ बिहार - यूपी तक ही सीमित नहीं है। कभी हम दक्षिण भारत और उत्तर भारत में बंटे नजर आते है तो कभी उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में बंटे नजर आते हैं।
बीते दशकों और हाल फिलहाल के दशकों में हमने और आपने इसे देखा भी है और अनुभव भी किया है। हाल की घटना में असम - मिजोरम के बीच हुई हिंसा इसका ताजा उदाहरण है।
महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे को बिहारी गुंडा कहा!
तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को 'बिहारी गुंडा' कहे जाने का आरोप कितना सही है इस पर कोई दावा तो नहीं किया जा सकता लेकिन अतीत में बिहारियों और बिहार पर ऐसी टिप्पणी सामान्य रूप से देखी गई है।
हो सकता है कि महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे को व्यक्तिगत मतभेद के तौर पर ये बातें कही हो लेकिन इसमें क्षेत्रीय मतभेद स्पष्ट नज़र आता है।
ममता पर भी बिहार-यूपी के लोगों को अपमानित करने के आरोप!
हाल ही में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कही थी कि बीजेपी के लोग बिहार - यूपी के गुंडे बुलाकर उनपर हमला करवा रही हैं।
साल 2018 की ही बात है जब मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा था कि बिहार-यूपी के लोग मध्यप्रदेश आकर यहां के लोगों की नौकरियां छीन लेते हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे शुरू से ही बिहार-यूपी के लोगों पर राज्य में चोरी-गुंडागर्दी करने व नौकरियां छीन लेने का आरोप लगाते रहे हैं। दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने भी कुछ इसी तरह का इल्जाम बिहारियों पर लगाया था जब वो दिल्ली की सीएम थीं।
बिहारियों का अपमान करने वाले जानते हैं बिहार की ताकत
ये जगजाहिर है कि इन नेताओं ने बिहार - यूपी के लोगों पर ऐसी टिप्पणी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए किया है। वरना बिहार का गौरव तो इन्हें भी पता है कि राष्ट्रनिर्माण में बिहार और बिहारियों की क्या भूमिका रही है।
गौरवशाली है बिहार का इतिहास
बिहार की धरती ने ही चक्रवर्ती सम्राट अशोक जैसे शासक दिए जो विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शीर्ष स्थान पर ही रहे हैं।
इसी धरती ने सिद्धार्थ गौतम को भगवान बुद्ध बनाया। बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ही सिद्धार्थ गौतम को ज्ञान की प्राप्ति हुई ।
- गुरू गोविंद सिंह जैसे महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता दिए
-चाणक्य जैसे महान कूटनीतिक, अर्थशास्त्री, राजनीति के महाविद्वान दिए।
-आर्यभट्ट जैसे महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री दिए।
- आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह और अहिंसा के अपने आजमाए हुए अस्र का भारत में पहला प्रयोग बिहार की ही चंपारण की धरती पर किया था। यहीं से आजादी की लड़ाई को मजबूती मिली।
- देश को राजेंद्र प्रसाद, आचार्य कृपलानी, मजहरूल हक, ब्रजकिशोर प्रसाद जैसी महान विभूतियां भी इसी आंदोलन से मिलीं।
बिहारी होना सौभाग्यशाली हैं। हां एक बिहारी होने से पहले हम सब एक भारतीय हैं।