जयंतीलाल भंडारी का कॉलम: अर्थव्यवस्था के लिए लाभप्रद साबित होगा अच्छा मानसून

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: July 2, 2020 01:24 PM2020-07-02T13:24:20+5:302020-07-02T13:24:20+5:30

अच्छे मानसून और कोविड-19 के बीच किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दिए गए आर्थिक प्रोत्साहनों के साथ-साथ खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों के लिए लाभप्रद होंगे.

Jayantilal Bhandari's column: Good monsoon will prove beneficial for the economy | जयंतीलाल भंडारी का कॉलम: अर्थव्यवस्था के लिए लाभप्रद साबित होगा अच्छा मानसून

जयंतीलाल भंडारी का कॉलम: अर्थव्यवस्था के लिए लाभप्रद साबित होगा अच्छा मानसून

इन दिनों देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार का परिदृश्य दिखाई देने लगा है. देश में रबी की बंपर पैदावार के बाद फसलों के लिए किसानों को लाभप्रद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिला है. सरकार के द्वारा किसानों को दी गई पीएम किसान सम्मान निधि, गरीबों के जनधन खातों में नकद रुपया डालने जैसे कदमों से किसानों की मुट्ठी में बड़ी धनराशि पहुंची है. 

यदि हम आंकड़ों की भाषा में बात करें तो मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद से अब तक किसानों के पास करीब 1.33 लाख करोड़ रु पए पहुंच चुके हैं. इसी अवधि में मनरेगा के तहत करीब 17600 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है. परिणामस्वरूप ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्नों में उपभोग प्रवृत्ति बढ़ गई है. ग्रामीण क्षेत्नों में उर्वरक, बीज, कृषि रसायन, ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण जैसी कृषि क्षेत्न से जुड़ी हुई वस्तुओं के साथ-साथ उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में भी तेजी से वृद्धि दिखाई दे रही है.

अब अच्छे मानसून के आगमन से देश की अर्थव्यवस्था में सुकूनभरा परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है. भारतीय मौसम विभाग और अन्य वैश्विक मौसम एजेंसियों ने वर्ष 2020 में बहुत अच्छे मानसून के अनुमान देते हुए कहा है कि मानसून के महीनों में देश में 96 से 100 फीसदी के बीच बारिश हो सकती है.  
हमारे देश में अच्छा मानसून आर्थिक-सामाजिक खुशहाली का कारण माना जाता है. 

अगर देश में मानसून अच्छा रहता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था में चमक आती है और खराब मानसून अर्थव्यवस्था की मुश्किलें बढ़ा देता है. देश में आधे से ज्यादा खेती सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर होती है. चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए बारिश बेहद जरूरी होती है. यद्यपि हमारे देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का योगदान करीब 17 फीसदी है, लेकिन देश के 60 फीसदी लोग खेती पर आश्रित हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि की हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी है. मानसून का प्रभाव न केवल देश के करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी और रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है, बल्कि समाज, कला, संस्कृति और लोक जीवन पर भी मानसून का सीधा प्रभाव होता है. अतएव देश के लिए अच्छे मानसून की बड़ी अहमियत है.

इस वर्ष 2020 में अच्छे मानसून का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि कोविड-19 और लॉकडाउन ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चरमरा दिया है. ग्रामीण भारत इस समय दोहरी मार ङोल रहा है. एक तरफ ग्रामीणों की कमाई प्रभावित हुई है, वहीं दूसरी तरफ शहरों में रहने वाले उनके जो परिजन अपनी कमाई का कुछ भाग गांवों के अपने परिजनों को भेजते थे, वे स्वयं कोविड-19 के बीच अपना रोजगार गंवाकर गांवों में लौट आए हैं. ऐसे में अच्छे मानसून से ऐसे परिवारों की खुशियां भी बढ़ेंगी. साथ ही इन प्रवासी परिजनों के द्वारा गांव में किए जा रहे श्रम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा. 
 
निश्चित रूप से अच्छे मानसून और कोविड-19 के बीच किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दिए गए आर्थिक प्रोत्साहनों के साथ-साथ खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों के लिए लाभप्रद होंगे. पिछले दिनों सरकार ने 17 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 2 से 7.5 फीसदी के दायरे में बढ़ोत्तरी की घोषणा की है. खासतौर से खरीफ की मुख्य फसल धान के लिए 2.89 से 2.92 फीसदी, दलहनों के लिए 2.07 से 5.26 फीसदी तथा बाजरे के लिए 7.5 फीसदी एमएसपी में बढ़ोत्तरी की गई है.  

ऐसे में अर्थव्यवस्था की खुशहाली के लिए अच्छे मानसून का लाभ लेने के साथ-साथ कई बातों पर विशेष ध्यान देना होगा. सरकार के द्वारा कृषि उपज का अच्छा विपणन सुनिश्चित किया जाना होगा. इससे ग्रामीण इलाकों में मांग में वृद्धि की जा सकेगी. ग्रामीण मांग बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्नों में मैन्युफैक्चरिंग एवं सर्विस सेक्टर बढ़ सकेंगे. किसानों को खरीफ सीजन के मद्देनजर कृषि उत्पादन के लिए जरूरी सामान खरीदने के लिए पर्याप्त नकदी उपलब्ध करानी होगी. पीएम गरीब कल्याण रोजगार अभियान के माध्यम से गांवों में लौटे श्रमिकों के लिए रोजगार मुहैया कराने के लिए अतिरिक्त फंड का आवंटन किया जाना होगा. साथ ही मनेरगा के उपयुक्त क्रियान्वयन पर ध्यान दिया जाना होगा.

हम उम्मीद करें कि वर्ष 2020 के अच्छे मानसून का परिदृश्य और कोविड-19 के बीच सरकार के द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए की गई विभिन्न घोषणाओं के कारगर क्रि यान्वयन से देश के करोड़ों किसानों के चेहरे पर मुस्कराहट और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में खुशहाली आते हुए दिखाई
दे सकेगी.

Web Title: Jayantilal Bhandari's column: Good monsoon will prove beneficial for the economy

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे