जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: रोबोट से बढ़ रही है रोजगार की चुनौती
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: September 14, 2020 02:51 PM2020-09-14T14:51:55+5:302020-09-14T14:51:55+5:30
साल 2010 में जहां दुनिया में रोबोट का बाजार करीब 15 अरब डॉलर मूल्य का था. ये अब 2020 में करीब 43 अरब डॉलर का हो गया है. अनुमान है कि 2025 तक ये 67 अरब डॉलर का हो जाएगा.
इन दिनों कोविड-19 की चुनौतियों के बीच दुनिया में रोबोट का बाजार छलांगें लगाकर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. दुनिया में उपभोक्ताओं की प्राथमिकता में रोबोट की अहमियत लगातार बढ़ रही है. कोविड-19 के बाद रोबोट वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा हो जाएंगे.
ऐसे में जिन देशों में कार्यशील युवाओं की कमी है, उन देशों में रोबोट अत्यधिक लाभप्रद होंगे. लेकिन भारत जैसे अधिक कार्यशील आबादी वाले देशों में रोबोट के बढ़ने से रोजगार व नौकरियां जाने की चिंताएं बढ़ेंगी.
वर्ष 2010 में दुनिया में रोबोट का बाजार करीब 15 अरब डॉलर मूल्य का था. यह 2020 में करीब 43 अरब डॉलर का हो गया है और अनुमान है कि 2025 तक 67 अरब डॉलर का हो जाएगा. कुछ समय पहले तक कहानियों और फिल्मों में विभिन्न प्रकार के यंत्नीकृत मानव यानी रोबोट के जो दृश्य उभरकर सामने आते थे, वे अब साकार होते हुए दिखाई दे रहे हैं.
वस्तुत: रोबोट एक प्रकार की मशीन है जो मैकेनिकल, सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के मिश्रण से मिलकर बनी होती है, जो एक से अधिक कार्यो को तेज गति और सटीक तरह से स्वचालित रूप से कर सकती है.
इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा कार्यरत रोबोट जिन देशों के पास है उनमें चीन, जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया तथा जर्मनी प्रमुख हैं. सामान्यतया रोबोट दो तरह के होते हैं- इंडस्ट्रियल रोबोट और सर्विस रोबोट. इंडस्ट्रियल रोबोट औद्योगिक एवं कारोबारी इकाइयों में काम करते हैं, जबकि सर्विस रोबोट सर्विस से जुड़े विभिन्न क्षेत्नों में काम करते हैं.
प्रसिद्ध फर्म ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2030 तक रोबोट 2 करोड़ लोगों की नौकरियां छीन सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार ये रोबोट न केवल शहरी क्षेत्नों वरन ग्रामीण क्षेत्नों में रोजगार के लिए नई चुनौती होंगे. रोबोट के कारण पुरानी परम्परागत ढंग की नौकरियां बड़ी संख्या में खत्म हो जाएंगी.
टेक्नोलॉजी के प्रतीक रोबोट आगे जाकर सामान्य तरह के रोजगार हथिया लेंगे. ऐसे में हमें रोबोटिक्स की बढ़ती हुई वैश्विक उपयोगिता के बीच देश की विकास नीति में रोबोट की भूमिका पर भी विशेष विचार मंथन अवश्य करना होगा. आईटी जैसे क्षेत्नों में रोबोट के महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता.
ऐसे में जहां एक ओर देश में जरूरी क्षेत्नों में उपयुक्त संख्या में रोबोट का उपयोग किया जाए, वहीं दूसरी ओर सरकार को रोबोट से बढ़ती रोजगार चिंताओं पर ध्यान देते हुए देश की नई पीढ़ी को रोबोट जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उच्च कौशल से प्रशिक्षित करने की नई रणनीति बनानी होगी.