प्रमोद भार्गव का ब्लॉगः बच्चों को आतंकी बनाने का निष्ठुर खेल

By प्रमोद भार्गव | Published: October 17, 2019 07:16 AM2019-10-17T07:16:13+5:302019-10-17T07:16:13+5:30

पाकिस्तान की निवर्तमान राजदूत मलीहा लोधी द्वारा इसी सभा में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में धारा-370 समाप्त करने के बाद इस राज्य में बच्चों की स्थिति खराब है, जो मानवाधिकार का उल्लंघन है.  

jammu kashmir: Ruthless game to make children terrorists, pakistan, united nations | प्रमोद भार्गव का ब्लॉगः बच्चों को आतंकी बनाने का निष्ठुर खेल

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Highlightsभारत ने जम्मू-कश्मीर में रहने वाले बच्चों के बारे में ‘गलत बातें पेश’ किए जाने पर तीखी आलोचना की है. ‘बाल अधिकारों के संवर्धन और सरंक्षण’ पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की राजनयिक पालोमी त्रिपाठी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि ‘हमारे देश के आंतरिक मामलों में गैरजरूरी हस्तक्षेप किया जा रहा है.

भारत ने जम्मू-कश्मीर में रहने वाले बच्चों के बारे में ‘गलत बातें पेश’ किए जाने पर तीखी आलोचना की है. ‘बाल अधिकारों के संवर्धन और सरंक्षण’ पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की राजनयिक पालोमी त्रिपाठी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि ‘हमारे देश के आंतरिक मामलों में गैरजरूरी हस्तक्षेप किया जा रहा है. जबकि यह देश(पाकिस्तान) स्वयं बच्चों को हिंसक व उग्रवादी विचारधारा से प्रशिक्षित करता है और फिर उन्हें आतंकी संगठनों के सुपुर्द कर देता है. इन बच्चों का न सिर्फ भविष्य बर्बाद किया जा रहा है, बल्कि सीमापार के बच्चों का भविष्य भी खतरे में डाला जा रहा है.’ 

दरअसल पाकिस्तान की निवर्तमान राजदूत मलीहा लोधी द्वारा इसी सभा में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में धारा-370 समाप्त करने के बाद इस राज्य में बच्चों की स्थिति खराब है, जो मानवाधिकार का उल्लंघन है.  

हकीकत तो यह है कि पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन ने जम्मू-कश्मीर में सेना और सुरक्षा बलों पर जो भी आत्मघाती हमले कराए हैं, उनमें बड़ी संख्या में मासूम बच्चों और किशोरों का इस्तेमाल किया गया है. 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की ‘बच्चे एवं सशस्त्र संघर्ष’ नाम से आई रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे आतंकी संगठनों में शामिल किए जाने वाले बच्चों और किशोरों को आतंक का पाठ पढ़ाया गया है. साल 2017 में कश्मीर में हुए तीन आतंकी हमलों में बच्चों के शामिल होने के तथ्य की पुष्टि हुई है. पुलवामा जिले में मुठभेड़ के दौरान 15 साल का एक नाबालिग मारा गया था. यह रिपोर्ट जनवरी 2017 से दिसंबर तक की है.  

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों ने ऐसे वीडियो जारी किए हैं, जिनमें किशोरों को आत्मघाती हमलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पाकिस्तान में सशस्त्र समूहों द्वारा बच्चों व किशोरों को भर्ती किए जाने और उनका इस्तेमाल आत्मघाती हमलों के किए जाने की लगातार खबरें मिल रही हैं. 

जनवरी 2017 में तहरीक-ए-तालिबान ने एक वीडियो  जारी किया था, जिसमें लड़कियों सहित बच्चों को सिखाया जा रहा है कि आत्मघाती हमले किस तरह किए जाते हैं. आत्मघाती हमलों के लिए भर्ती किए गए ज्यादातर बच्चे पाकिस्तान के हैं. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनियाभर में बाल अधिकारों के हनन के 21,000 मामले सामने आए हैं. पिछले साल दुनियाभर में हुए संघर्षों में 10,000 से भी ज्यादा बच्चे मारे गए या विकलांगता का शिकार हुए. आठ हजार से ज्यादा बच्चों को  आतंकियों  ने अपने संगठनों में शामिल किया है.

Web Title: jammu kashmir: Ruthless game to make children terrorists, pakistan, united nations

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