डियर शाह फैसल, आपके पास समाधान नहीं है तो आप खुद समस्या हैं, आप IAS हैं ट्रॉल नहीं
By कोमल बड़ोदेकर | Published: July 12, 2018 04:46 PM2018-07-12T16:46:46+5:302018-07-12T17:32:00+5:30
'हिन्दुस्तान-रेपिस्तान' अगर ये बयान किसी नेता ने दिया होता तो शायद मुझे इतनी आपत्ति नहीं होती, लेकिन एक पढ़े लिखे आईएएस अफसर का इस तरह अनपढ़ों की तरह 'लफ्फाजी' करना काफी निन्दनीय है।
डियर शाह फैसल, माना कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मौलिक अधिकारों में से एक है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप कुछ भी कहें। 'हिन्दुस्तान-रेपिस्तान'... अगर ये बयान किसी नेता ने दिया होता तो शायद मुझे इतनी आपत्ति नहीं होती, लेकिन एक पढ़े लिखे आईएएस अफसर का इस तरह की 'लफ्फाजी' करना काफी निन्दनीय है।
मैं मानता हूं कि रेप जैसी चीज को किसी भी तरह से डिफेंड नहीं किया जा सकता है। मैं यह भी मानता हूं कि देश में रेप, गैंगरेप की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं और बढ़ रही हैं, लेकिन इसके लिए पूरे देश को जिम्मेदार ठहराना कहां तक सही है। आप कभी अनुमान नहीं लगा सकते कि किसी के दिमाग में क्या चल रहा है। आप किसी की मानसिकता या सोच को नहीं बदल सकते।
अगर जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं और वहां का कोई युवा आतंकवादी बन जाए तो पूरे जम्मू-कश्मीर को पत्थरबाज या आतंकवादी कहें, तब आपको कैसा लगेगा। या अगर कोई आईएएस अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है और पूरी आईएएस बिरादरी को ही भ्रष्टाचारी मान लिया जाए तब आपको कैसा लगेगा।
क्या आप भूल गए कि जिस मुल्क में यानी सुपर पॉवर अमेरिका में आप पढ़ाई करने के लिए इस वक्त मौजूद हैं वो बलात्कार के मामले में दुनिया का नंबर वन देश हैं। अमेरिकी न्याय सांख्यिकी ब्यूरो की हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 91 फीसदी महिलाएं जबकि 9 प्रतिशत पुरुष यौन हिंसा का कभी न कभी शिकार हुए हैं। इतनी क्रूरता के बावजूद वहां 14 फीसदी मामलों की ही रिपोर्ट दर्ज हो पाती है। सबसे जरूरी बात... अमेरिका में बलात्कार की घटनाएं के अधिकांश मामले आउटडोर नहीं बल्कि घरों के अंदर से जुड़े होते हैं। जिस देश में आप ज्ञान लेने बैठे हैं वो अनपढ़ नहीं बल्कि पढ़ा लिखा है और बावजूद इसके वो यौन हिंसा के मामले में नंबर वन देश है।
दुनिया के सर्वाधिक विकसित देशों की लिस्ट में शीर्ष पर शुमार ब्रिटेन रेप के मामलों में भी आगे है। जिस देश को आप 'हिन्दूस्तान-रेपिस्तान' बता रहे हैं उस देश से रेप के मामले में ब्रिटेन आगे है। क्राइम ब्योरो की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंग्लैंड और वेल्स में हर साल करीब 85,000 से ज्यादा महिलाएं रेप या यौन हिंसा का शिकार होती है। सबसे शांत और खुशहाल देशों की लिस्ट में नंबर स्वीडन रेप और यौन हिंसा के मामले में भी अव्वल है। स्वीडिश राष्ट्रीय परिषद की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर चार में से एक स्विडिश महिला यौन हिंसा या रेप शिकार होती है।
और अब भारत की बात... जिस थॉमसन रॉयटर्स की रिपोर्ट में महिलाओं के लिए भारत को सबसे अनसेफ बताया गया है शायद उसे आपने ठीक से नहीं पढ़ा। अगर पढ़ा होता तो शायद आप इतना गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देते। इस रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं से जुड़े तमाम मुद्दों के लिए दुनिया भर के महज 550 एक्सपर्ट की राय ली गई जिसमें भारत की ओर से सिर्फ 43 लोग ही शामिल किए गए थे। इस लिस्ट में भारत के अलावा अफगानिस्तान, सीरिया, सोमालिया, सऊदी अरब, पाकिस्तान, कोंगो, यमन, नाइजीरिया और अमेरिका जैसे देशों को भी शामिल किया।
रिपोर्ट का कन्कल्जून इस बात पर निकला कि महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश भारत है। माना कि देश में रेप की घटनाएं बढ़ी है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप पूरे देश को ही रेपिस्ट कहें। इन सबसे इतर आप शासन प्रशासन की क्रीमी लेयर में समस्याएं गिनाने या आरोप लगाने के लिए नहीं बैठे हैं। आपको लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए चुना गया है।
...और अंत में एक आखिरी बात महिला के लिए सबसे अनसेफ कोई देश नहीं होता बल्कि उसका घर, मोहल्ला या उसका वर्क प्लेस होता है। हाल ही में एक महिला आईएएस ने अपने सीनीयर अधिकारी पर रेप का आरोप लगाया है। अगर आप जनता की समस्याएं नहीं सुलझा पा रहे हैं तो कम से कम अपने वर्किंग एरिया के लिए ही थोड़ा बहुत काम कर दें।
आप ये मत भूलिए कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और आप भी उसी हिन्दुस्तान का हिस्सा हैं। चंद गुनहगार लोगों की वजह से आप पूरे मुल्क को रेपिस्तान नहीं कह सकतें। जिस ट्वीट में आप 'अनपढ़' की बात कर रहे हैं तो ये मत भूलिए कि रेप पढ़े लिखे लोग भी करते हैं और अगर आपके पास समाधान नहीं है तो आप खुद एक समस्या हैं, क्या आपको बताना पड़ेगा कि आप IAS हैं ट्रोलर नहीं।
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