संपादकीय: कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त करने की मुहिम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 12, 2019 11:40 AM2019-03-12T11:40:06+5:302019-03-12T11:40:06+5:30
पुलवामा में अपने 40 साथियों की शहादत का बदला लेने के लिए 26 फरवरी की एयर स्ट्राइक के बाद तो आतंकवादियों को चुन-चुन कर मारने का संकल्प इतना मजबूत हो गया है कि कश्मीर में दहशतगर्दी के पैर उखड़ने लगे हैं.
पुलवामा हमले के बाद भारतीय जवानों के हौसले दुश्मनों को पस्त करने के लिए पहले से ज्यादा बुलंद व मजबूत हो गए हैं. उन्होंने पाकिस्तान के नापाक इरादों पर पानी फेर दिया है. पुलवामा में अपने 40 साथियों की शहादत का बदला लेने के लिए 26 फरवरी की एयर स्ट्राइक के बाद तो आतंकवादियों को चुन-चुन कर मारने का संकल्प इतना मजबूत हो गया है कि कश्मीर में दहशतगर्दी के पैर उखड़ने लगे हैं. पिछले तीन हफ्तों में कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 18 आतंकवादियों को मार गिराया है.
इनमें पुलवामा हमले का सूत्रधार मुदस्सिर खान भी है जिसे सोमवार को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया. पुलवामा हमले से पाकिस्तान चाहे जितना पल्ला झाड़े, एक बात तय है कि हमले की साजिश उसी की धरती से रची गई. वह शायद इस मुगालते में था कि इससे हमारे सुरक्षा बलों के साथ-साथ आम भारतीय का मनोबल भी कमजोर हो जाएगा. मगर भारतीय जांबाजों ने अब ठान लिया है कि कश्मीर से भारत में घुसपैठ करने वाले हों या देश के भीतर रहकर साजिश करने वाले आतंकी हों, किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
तीन हफ्तों में भारतीय सुरक्षा बलों की सफलता उनके मजबूत इरादों को ही दर्शाती है. कश्मीर में हालात बेहद संवेदनशील हैं. पाकिस्तान के राजनेताओं, सेना तथा उसकी खुफिया एजेंसियों के लिए कश्मीर का मसला अपनी जनता का ध्यान भटकाने का सबसे बड़ा हथियार है. इसीलिए वे कश्मीर को पाकिस्तान की अस्मिता से जोड़कर अपनी जनता को गुमराह करते हैं. जब 1948, 1965 तथा 1971 के युद्ध में मात खानी पड़ी तो 1999 का कारगिल षड्यंत्र रचा गया. उसमें भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी मगर पाकिस्तानी सेना तथा आईएसआई ने आतंकी घुसपैठ बढ़ाकर कश्मीर में रक्तपात की हरकतें तेज कर दीं.
यहां भी उसे शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. भारतीय सेना तथा सुरक्षा बलों के जवानों ने पिछले कुछ अर्से से जिस तरह कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क तथा आतंकी समूहों के सरगनाओं को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया है, उससे पाकिस्तानी सेना एवं आईएसआई में अफरातफरी का माहौल है. आतंकी संगठनों के पैर भी उखड़ने लगे हैं. उनकी यही हताशा पुलवामा में कायराना हमले के रूप में सामने आई. अब भारतीय जवान बेहतर साधनों, बेहतर रणनीति और निश्चित लक्ष्य के साथ पाकिस्तानपरस्त आतंकवादियों से लड़ रहे हैं.
2016 के उड़ी हमले के बाद से हमारे सुरक्षा बलों की कार्रवाई बेहतरीन नतीजे दे रही है. अब आतंकी घुसपैठ पर नकेल लग रही है तथा जो आतंकवादी भारत में घुसने में सफल हो रहे हैं, वे चंद दिनों में ही मार गिराए जाने लगे हैं. कश्मीर में जो घर के भेदी हैं, उन्हें भी सुरक्षा बल बख्श नहीं रहे हैं. यह सफलता आने वाले दिनों में कश्मीर के लिए वरदान साबित होगी.