देश के 553 स्टेशनों के पुनर्विकास की घोषणा निश्चित रूप से एक प्रशंसनीय कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत देश के 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शिलान्यास किया, जिनमें महाराष्ट्र में 126 रेलवे स्टेशन शामिल हैं। 27 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित इन स्टेशनों का 19000 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा।
अमृत भारत स्टेशन योजना रेल मंत्रालय द्वारा फरवरी 2023 में शुरू की गई थी, जिसका लक्ष्य देश भर में एक हजार से अधिक स्टेशनों का पुनर्विकास करना है। इसके तहत स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाओं को बेहतर बनाकर यात्रियों के सफर को सुहावना बनाया जाएगा।
स्टेशन पर आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी जिनमें उन्नत वेटिंग रूम, प्लेटफॉर्मों पर बैठने के लिए व्यवस्थित जगह और मुफ्त वाई-फाई कनेक्टिविटी शामिल है। इसके साथ रीडेवलपमेंट होने पर इन स्टेशनों पर सुंदर भूदृश्य, इंटर मॉडल कनेक्टिविटी, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, कियोस्क, फूड कोर्ट समेत आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन स्टेशनों को पर्यावरण और दिव्यांगों के अनुकूल पुनर्विकसित किया जाएगा तथा इन स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।
दरअसल, देश के रेलवे स्टेशनों पर आम तौर पर जो बदहाली नजर आती है, उसके मद्देनजर इस तरह के सर्वसुविधायुक्त रेलवे स्टेशनों की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। लेकिन अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत चुने गए स्टेशनों के अलावा बाकी रेलवे स्टेशनों की दशा में भी सुधार लाया जाना चाहिए। अनगिनत स्टेशनों पर बुनियादी सुविधाओं तक का अभाव देखने को मिलता है। न तो यात्रियों के बैठने की समुचित व्यवस्था होती है, न पेयजल की।
कई स्टेशन परिसर तो शाम होते ही अंधेरे में डूब जाते हैं और अराजक तत्वों के मंडराने के कारण रेल यात्रियों को खतरा महसूस होने लगता है। इसलिए आम रेल यात्रियों और खासकर महिलाओं को दिक्कत न हो, इसके लिए बुनियादी सुविधाएं और साफ-सफाई हर रेलवे स्टेशन पर होनी चाहिए। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार जिस तरह से रेलवे स्टेशनों का कायापलट करने में लगी है, एक दिन वे विकसित देशों के रेलवे स्टेशनों को टक्कर देने लगेंगे।