ब्लॉग: भारतीय युवा तोड़ना चाहते हैं धर्म-जाति-गोत्र की बेड़ियां, अंतरजातीय प्यार पर दी जाती है गोबर खाने की सजा

By अनुराग आनंद | Published: February 9, 2020 11:35 AM2020-02-09T11:35:35+5:302020-02-09T11:51:58+5:30

देश भर में कई ऐसी घटनाएं सामने आई है, जिसने हमारे समाज के लोगों की सोच पर सवाल खड़ा किए हैं। हाल में उत्तर प्रदेश के झांसी ज़िले में खाप पंचायत ने सामाजिक बहिष्कार को ख़त्म करने के बदले एक दंपती को गोबर खाने और गोमूत्र पीने का फ़रमान सुनाया है।

Indian youth are not able to break the shackles of religion, caste and gotra, the punishment for eating cow dung on interracial love valentines day | ब्लॉग: भारतीय युवा तोड़ना चाहते हैं धर्म-जाति-गोत्र की बेड़ियां, अंतरजातीय प्यार पर दी जाती है गोबर खाने की सजा

अंतरजातीय प्यार करने पर गोबर खाने की सजा

Highlightsअंतरजातीय विवाह पर गोबर नहीं खाने व गो मुत्र नहीं पीने पर पाँच लाख रुपए का अर्थदंड देने का आदेश दिया है। पुलिस ने मौक़े पर पहुंचकर पंचों को हिदायत दी है और छह लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की है।

कोई देश कब महान होगा? जब देश की जीडीपी काफी बेहतर स्थिति में पहुंच जाएगी! जब किसी देश में प्रति व्यक्ति आय बेहतर हो! जब उस देश के खाजाने में दुनिया भर के देशों से ज्यादा दौलत हो! लेकिन, क्या आपको लगता है कि इन सबके बावजूद प्यार को महसूस नहीं कर पाने वाला राष्ट्र महान हो सकता है? 

क्या धर्म-जाति-गोत्र-भाषा-क्षेत्र-नस्ल-वेशभूषा की वजह से प्यार करने वालों को हतोत्साहित करने वाला समाज व देश महान हो सकता है? इस सवाल के जवाब में मेरे दिमाग में बस एक ख्याल आता है कि नहीं ऐसा कर कोई देश खुद को महान नहीं साबित कर सकता है।   

दरअसल, देश भर में कई ऐसी घटनाएं सामने आई है, जिसने हमारे समाज के लोगों की सोच पर सवाल खड़ा किए हैं। हाल में उत्तर प्रदेश के झांसी ज़िले में खाप पंचायत ने सामाजिक बहिष्कार को ख़त्म करने के बदले एक दंपती को गोबर खाने और गोमूत्र पीने का फ़रमान सुनाया है।

यही नहीं ऐसा न कर पाने पर पाँच लाख रुपए का अर्थदंड देने का आदेश दिया है। हालांकि, पुलिस ने मौक़े पर पहुंचकर पंचों को हिदायत दी है और छह लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की है। पंचायत की नज़र में दंपती का अपराध यह है कि उन्होंने अंतरजातीय विवाह किया है। 

बता दें कि मामला झांसी ज़िले के प्रेमनगर इलाक़े के ग्वालटोली का है। यहां के रहने वाले भूपेश यादव ने क़रीब पांच साल पहले आस्था जैन से अंतरजातीय विवाह किया था। 

भूपेश यादव ने बीबीसी को बताया कि यह शादी दोनों ही परिवारों की रज़ामंदी से हुई थी लेकिन समाज के लोगों को यह पसंद नहीं थी, इसलिए उन्हें समाज से बाहर कर दिया गया। 

इसी तरह शुक्रवार रात जब दिल्ली में चुनाव की बातें चल रही थीं। इसी समय दिल्ली में एक महिला एसआई प्रीती की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाद में पता चला कि एसआई प्रीती की हत्या उसके ही साथी और प्रेमी ने गोली मारकर की। बाद में लड़के ने खुद भी आत्महत्या कर ली। इसकी वजह यह थी कि दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे और शादी करने की बात पर समाज व घर वाले ने यह कहकर मना कर दिया कि गोत्र दोनों के एक ही हैं। बाद में लड़के ने इस दर्दनाक घटना को अंजाम दिया। 

इसमें कोई दो राय नहीं कि प्यार में इस तरह की घटना निंदनीय है। कोई भला व्यक्ति इस घटना की वाहवाही नहीं कर सकता है। लेकिन, क्या कोई भला व्यक्ति इस बात का समर्थन कर सकता है कि दो व्यस्क समझदार को शादी करने से सिर्फ इसलिए रोक दिया जाए कि उसका गोत्र एक है। मुझे लगता है हमारे समाज ने लोगों को महसूस करने के समझने के भाव को ही खो दिया है। 

कुछ माह पहले हमने तेलंगाना में दिल को झकझोर देने वाली एक घटना को भी देखा था, जब नालगोंडा जिले में 23 वर्ष के एक आदमी की हत्या उसकी ही गर्भवती पत्नी के सामने कर दी गई थीं। इस घटना में प्रणय नाम के व्यक्ति पर पत्नी के सामने कुल्हाड़ी से इस कदर हमला किया गया कि उसकी वहीं मौत हो जाती है। 

इस दर्दनाक घटना के बाद उसकी पत्नी अमृता सदमे से वहां गिर गई थी। बाद में पता चला कि यह ऑनर किलिंग का मामला था। लड़की के घरवाले ने अंतरजातीय विवाहकी वजह से उसके पति को मौत के घट उतार दिया।

यही नहीं मृतक की पत्नी अमृता ने बताया था कि अबॉर्शन के लिए भी वो उसपर दबाव बना रहे थे। अमृता अपने पति को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही है। वह अपने बच्चे के साथ अकेले रहती है। 

साफ है कि हम अपनी झूठी सान के लिए आए दिन अपने ही घर के लोगों की हत्या कर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि हम उसी समाज के हिस्सा हैं, जहां आए दिन लड़कियां अपने जान पहचान वालों से छेड़छाड़ की शिकार होती हैं। ऐसे में हमें सोचना होगा कि हम किस तरह की समाज और देश बनाना चाह रहे हैं।

English summary :
Indian youth are not able to break the shackles of religion, caste and gotra, the punishment for eating cow dung on interracial love valentines day


Web Title: Indian youth are not able to break the shackles of religion, caste and gotra, the punishment for eating cow dung on interracial love valentines day

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