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परिपक्वता के साथ कड़ी कार्रवाई कर सबक सिखाए भारत

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 29, 2025 08:14 IST

अंतरराष्ट्रीय जगत में अमेरिका, चीन, रूस से लेकर कमोबेश दुनिया के सभी देशों ने इस घटना की तीव्र भर्त्सना करते हुए आतंक से निपटने में भारत के साथ एकजुटता दिखाई है.

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शोभना जैन

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गत 23 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जिस निर्ममता से 26 भारतीयों को  गोलियों से भून डाला उससे देशभर में रोष व्याप्त है. इस घटना ने देशवासियों को  झकझोर कर रख दिया है. क्षुब्ध जनता के भारत के सभी स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और  पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है. सभी विरोधी दलों ने भी इस घटना की तीव्र भर्त्सना की है. अंतरराष्ट्रीय जगत में अमेरिका, चीन, रूस से लेकर कमोबेश दुनिया के सभी देशों ने इस घटना की तीव्र भर्त्सना करते हुए आतंक से निपटने में भारत के साथ एकजुटता दिखाई है.

भारत ने पाकिस्तान के इस आतंक से निपटने के लिए फौरी कदम उठाते हुए उसके खिलाफ तमाम तरह की कड़ी राजनयिक पाबंदियां लगा दीं जिसमें सबसे कड़ी कार्रवाई के तहत आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को रोक दिया है. यानी अब इस संधि के मुताबिक भारत पाकिस्तान के साथ कोई जानकारी साझा नहीं करेगा और न ही इससे जुड़ी किसी बैठक में हिस्सा लेगा. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अनेक युद्ध के बीच भी भारत ने  मानवीय आधार पर सहृदयता का परिचय देते हुए कभी भी इस संधि के क्रियान्वयन पर इस तरह से रोक नहीं लगाई. निश्चय ही पाकिस्तान जिस तरह से भारत के खिलाफ आतंकी  गतिविधियां जारी रखे हुए है, भारत के लिए इस बार सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया.

हालांकि पाकिस्तान ने अपनी फितरत के अनुरूप इस आतंकी घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया लेकिन साक्ष्य हकीकत बयान कर रहे हैं.

भारत ने पाकिस्तान को लेकर जो अहम राजनयिक फैसले लिए हैं उन्हें सोची-समझी परिपक्व रणनीति का हिस्सा कहना ठीक होगा. शुरुआती कार्रवाई बतौर भारत ने पाकिस्तानी मिशन छोटा कर दिया लेकिन बंद नहीं किया. सिंधु जल संधि को स्थगित किया है लेकिन निरस्त नहीं किया है. पाकिस्तान के लोगों के लिए सार्क वीजा सुविधा को बंद किया है लेकिन सभी तरह के वीजा नहीं.पाकिस्तान सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों से कश्मीर प्रलाप तो करता है लेकिन इन आतंकी गतिविधियों का सबसे खराब असर  अंततः आम कश्मीरी पर पड़ता है इस घटना के बाद सबसे बुरा असर पर्यटन पर ही पड़ रहा है जिससे आम कश्मीरी रोटी कमाता है.

पिछले कुछ वर्षों  से कश्मीर में आधारभूत ढांचे का जाल बिछाया जा रहा है.  कश्मीर की अवाम में भरोसा बने, उनके लिए रोजगार के नए मौके बनें, यह भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है.

बहरहाल, पाकिस्तान भारत के खिलाफ जिस तरह से उन्माद फैला रहा है और आतंकी गतिविधियां जारी रखे हुए है, ऐसी आतंकी गतिविधियों के खिलाफ भारत को दृढ़ता के साथ कड़ी कार्रवाई करनी होगी और परिपक्वता से निपटना होगा. लेकिन सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अब भी आतंक को हथियार बनाकर खुद अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने से बाज आएगा?

टॅग्स :भारतपाकिस्तानआतंकवादी
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