सारंग थत्ते का ब्लॉगः अधिकारियों की कमी से जूझती सेना
By सारंग थत्ते | Published: May 13, 2019 07:55 AM2019-05-13T07:55:55+5:302019-05-13T07:55:55+5:30
2018 के आंकड़े बताते हैं कि सेना में आने वाले कैडेटों की संख्या 2100 रही जबकि सेना से बाहर जाने वाले अधिकारियों की संख्या 1172 थी. सेना एक बार में ज्यादाकैडेटों की भर्ती नहीं कर सकती क्योंकि इसकी वजह से पदोन्नति में गड़बड़ी होगी तथा सेवानिवृत्ति में एक साथ बड़ी संख्या बाहर जाएगी, इसलिए धीरे-धीरे भर्ती करना लाजमी है. लेकिन शॉर्ट सर्विस कमीशन के अधिकारियों को लंबे समय तक सेना में रखना एक विकल्प है.
सेना पिछले काफी समय से अधिकारियों की कमी से जूझ रही है. 2010 में सेना की जरूरत थी 46615 अधिकारियों की, जबकि उस समय 11238 अधिकारियों की कमी देखी गई थी. अगस्त 2018 में लोकसभा में रक्षा राज्यमंत्नी सुभाष भामरे द्वारा सदन के पटल पर रखे गए आंकड़ों के अनुसार हमारी 13 लाख की सेना में 49933 अधिकारियों की जरूरत है जबकि हम 7298 की कमी से जूझ रहे हैं.
फिलहाल भर्ती की संख्या और अधिकारियों की स्वीकृत संख्या को देखें तो विशेषज्ञों ने यह अनुमान लगाया है कि पूर्णता प्राप्त करने में कम से कम 17 साल लगेंगे. सेना की मानें तो कम से कम हर वर्ष 2000 से 2500 अधिकारियों की जरूरत सेना को है. इस समय ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई और गया में मौजूद हैं, जहां से शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी सेना में दाखिल होते हैं. 2010 में सेना में अधिकारियों की कमी 26 प्रतिशत थी जिसे 2021 तक घटाकर 12 प्रतिशत तक लाया जाएगा.
2018 के आंकड़े बताते हैं कि सेना में आने वाले कैडेटों की संख्या 2100 रही जबकि सेना से बाहर जाने वाले अधिकारियों की संख्या 1172 थी. सेना एक बार में ज्यादाकैडेटों की भर्ती नहीं कर सकती क्योंकि इसकी वजह से पदोन्नति में गड़बड़ी होगी तथा सेवानिवृत्ति में एक साथ बड़ी संख्या बाहर जाएगी, इसलिए धीरे-धीरे भर्ती करना लाजमी है. लेकिन शॉर्ट सर्विस कमीशन के अधिकारियों को लंबे समय तक सेना में रखना एक विकल्प है.
शॉर्ट सर्विस कमीशन के अधिकारियों के लिए अब सेना मुख्यालय ने नया रोड मैप बनाया है जिसके अनुसार सरकार से सिफारिश की जा रही है. इस नए प्रस्ताव के अंतर्गत 10 और 14 साल तक सर्विस देने वाले अधिकारियों को सेना में बनाए रखने के लिए 10 वर्ष बाद एकमुश्त 17 लाख रुपए दिए जाएंगे. जबकि 14 वर्ष तक सेना में अपनी सेवाएं देने वाले शॉर्ट सर्विस अधिकारियों को एकमुश्त 38 लाख रुपए देने का प्रस्ताव है.
इसी के साथ यह भी सोचा जा रहा है कि शॉर्ट सर्विस अधिकारियों को डिफेंस सिक्योरिटी कोर और एनसीसी में 20 वर्ष की नौकरी के लिए भेजा जाए, जिससे उन्हें पेंशन मिल सके. इसके अलावा सेना में शॉर्ट सर्विस अधिकारियों को पूरे वेतन के साथ शैक्षणिक अवकाश दिया जाए जिससे वे अपनी क्षमता में विकास कर सकें और सेवानिवृत्ति के बाद अपने लिए नए और बेहतर विकल्प खोज सकें.