पंकज चतुर्वेदी का ब्लॉगः जांच के तरीकों को बदला जाए

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 12, 2019 11:43 PM2019-12-12T23:43:24+5:302019-12-12T23:43:24+5:30

वर्मा आयोग की रिपोर्ट में सुझाव था कि बलात्कार जैसे मामलों में आरोपी विधायक/सांसद को मुकदमा निबटने तक खुद-ब-खुद इस्तीफा दे देना चाहिए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. हर हाथ में स्मार्ट फोन, सस्ता डेटा व वीडियो बनाने की तकनीक ने दूरस्थ गांवों तक सामूहिक बलात्कार व यौन शोषण को बढ़ावा दिया है.

hyderabad encounter rap murder: Methods of investigation to be changed | पंकज चतुर्वेदी का ब्लॉगः जांच के तरीकों को बदला जाए

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पंकज चतुर्वेदी

एक तरफ देश की अदालतों में मुकदमों के अंबार के आंकड़े, दूसरी तरफ निर्भया जैसे चर्चित मामले में निर्धारित न्यायिक प्रक्रिया में अटकी अपराधियों की फांसी की सजा और तीसरी ओर हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक महिला के साथ दरिंदगी के आरोपियों के कथित पुलिस एनकाउंटर पर फूल बरसाता देश. इन सभी के बीच खड़ी नारी की अस्मिता की अग्नि परीक्षा के सवाल. जब उन चार मुल्जिमों को पुलिस द्वारा मारे जाने की जय-जयकार हो रही थी, तभी अगले आठ घंटों में दिल्ली से लेकर तमिलनाडु तक छोटी बच्चियों के बलात्कार की कई घटनाएं सामने आ रही थीं. यह जान लें कि आम भारतीय भावना-प्रधान है और वह क्षणिक खुशी और दुख दोनों को अभिव्यक्त करने में दिमाग नहीं दिल पर भरोसा करता है.

इस तरह के मामलों में पुलिस की जांच में कड़ाई भी अनिवार्य है. एक तो सूचना मिलने पर देर से कार्रवाई करने, रिपोर्ट न लिखने, महिला फरियादी से अभद्र व्यवहार करने, तथ्यों से छेड़छाड़ करने, गवाही ठीक से दर्ज न करने के आरोप झेल रहे पुलिस वालों को सस्पेंड करने के बनिस्बत उसी मामले में सहअभियुक्त, धारा 120-बी के तहत बनाना चहिए. क्योंकि किसी भी प्रकरण की जांच को प्रभावित करना कानूनी भाषा में अभियुक्त का अपराध करने में साथ देना ही होता है. 

इसी तरह फरियादी या मुल्जिम की मेडिकल जांच, उसकी रिपोर्ट को ठीक से संरक्षित या पेश ना करने को भी अपराध का ही हिस्सा माना जाए. हैदराबाद वाले मामले में लड़की की मौत का कोई जिम्मेदार है तो वह पुलिस है जिसने सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई नहीं की.

ऐसा नहीं कि यौन आचरण के अराजक होने के निषेध में महज पुलिस या अदालतें ही खुद को बदलें, बदलना तो समाज को सबसे पहले पड़ेगा. याद करें निर्भया कांड के बाद गठित जे.सी. वर्मा आयोग की रिपोर्ट में सुझाव था कि बलात्कार जैसे मामलों में आरोपी विधायक/सांसद को मुकदमा निबटने तक खुद-ब-खुद इस्तीफा दे देना चाहिए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. हर हाथ में स्मार्ट फोन, सस्ता डेटा व वीडियो बनाने की तकनीक ने दूरस्थ गांवों तक सामूहिक बलात्कार व यौन शोषण को बढ़ावा दिया है.

Web Title: hyderabad encounter rap murder: Methods of investigation to be changed

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