संकट में है इंसानी अस्तित्व

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 31, 2018 09:11 PM2018-08-31T21:11:57+5:302018-08-31T21:11:57+5:30

नासा के आंकड़ों के अनुसार यह पर्यावरण के लिए उत्पन्न होने वाले खतरे के संकेत हैं।

Human life is in danger says Pankaj Chaturvedi | संकट में है इंसानी अस्तित्व

संकट में है इंसानी अस्तित्व

पंकज चतुर्वेदी
वरिष्ठ पत्रकार   

अभी केरल बरसात में बह गया। पिछले साल चेन्नै में यही हुआ था और उससे पहले साल कश्मीर में। देश का बड़ा हिस्सा सूखा रहता है और किसी एक जगह सारा पानी बरस जाता है। हाल ही में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने भी कहा है कि फरवरी में तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि ने पूर्व के महीनों के रिकार्ड को तोड़ दिया है। नासा के आंकड़ों के अनुसार यह पर्यावरण के लिए उत्पन्न होने वाले खतरे के संकेत हैं। धरती में कार्बन का बड़ा भंडार जंगलों में हरियाली के बीच है। पेड़, प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से हर साल कोई सौ अरब टन यानी पांच फीसदी कार्बन वातावरण में पुनर्चक्रित करते हैं। आज विश्व में अमेरिका सबसे ज्यादा 1,03,30,000 किलो टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जित करता है जो कि वहां की आबादी के अनुसार प्रति व्यक्ति 7।4 टन है।  उसके बाद कनाडा प्रति व्यक्ति 15।7 टन, फिर रूस 12।6 टन है।

 कार्बन उत्सर्जन की मात्र कम करने के लिए हमें एक तो स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना होगा। हमारे देश में रसोई गैस की तो कमी है नहीं, हां सिलेंडर बनाने के लिए जरूरी स्टील, सिलेंडर वितरण के लिए आंचलिक क्षेत्रों तक नेटवर्क  को विकसित करना और गरीब लोगों को बेहद कम दाम पर गैस उपलब्ध करवाना ही बड़ी चुनौती है। कार्बन उत्सर्जन घटाने में सबसे बड़ी बाधा वाहनों की बढ़ती संख्या, मिलावटी पेट्रो पदार्थो की बिक्री, घटिया सड़कें व ऑटो पार्ट्स की बिक्री व छोटे कस्बों तक यातायात जाम होने की समस्या है।

कार्बन की बढ़ती मात्र से दुनिया के गरम होने के कारण दुनिया में भूख, बाढ़, सूखे जैसी विपदाओं का न्यौता है। जाहिर है कि इससे जूझना सारी दुनिया का फर्ज है, लेकिन भारत में मौजूद प्राकृतिक संसाधन व पारपंरिक ज्ञान इसका सबसे सटीक निदान है। छोटे तालाब व कुएं, पारंपरिक मिश्रित जंगल, खेती व परिवहन के पुराने साधन, कुटीर उद्योग का सशक्तिकरण कुछ ऐसे प्रयास हैं जो बगैर किसी मशीन या बड़ी तकनीक या फिर अर्थव्यवस्था को प्रभावित किए बगैर ही कार्बन पर नियंत्रण कर सकते हैं।

Web Title: Human life is in danger says Pankaj Chaturvedi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे