खरी-खरी: जायज हैं देवेगौड़ा के सवाल, महागठबंधन हो सकता है महागड़बड़ बंधन भी सिद्ध  

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 21, 2019 07:16 PM2019-01-21T19:16:08+5:302019-01-21T19:16:08+5:30

तीसरी बात उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण कही कि भाजपा के हर उम्मीदवार के विरु द्ध विपक्ष का सिर्फ एक ही उम्मीदवार होना चाहिए. यदि ऐसा हो जाए तो आज तो कोई लहर नहीं है. 2014 की कांग्रेस-विरोधी लहर में यदि मोदी को सिर्फ 31 प्रतिशत वोट मिले थे तो उनकी संख्या अब तो आधी तक घट सकती है.

hd deve gowda raised questions on mahagathbandhan | खरी-खरी: जायज हैं देवेगौड़ा के सवाल, महागठबंधन हो सकता है महागड़बड़ बंधन भी सिद्ध  

खरी-खरी: जायज हैं देवेगौड़ा के सवाल, महागठबंधन हो सकता है महागड़बड़ बंधन भी सिद्ध  

कोलकाता में हुई विशाल जन-सभा में देश की चार-पांच छोटी-बड़ी पार्टियों के अलावा वहां सभी का जमावड़ा था लेकिन क्या यह जमावड़ा किसी महागठबंधन में बदल सकता है ? यह महागठबंधन, महागड़बड़ बंधन भी सिद्ध हो सकता है. क्या यह संभव है कि 31 प्रतिशत वोट की मोदी सरकार को यह 70-75 प्रतिशत वोटों से गिरा देगा ? यह आसान नहीं है. कोलकाता में हुए नेताओं के भाषण काफी दमदार थे लेकिन सबसे काम की बात पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने की है.

उन्होंने इस नए गठबंधन के मार्ग में आने वाले रोड़ों के सवाल उठाए हैं. उनका पहला सवाल तो यह था कि जिन दलों के नेता कोलकाता में एक ही मंच पर जुट गए हैं, वे अलग-अलग प्रांतों में आपस में भिड़ने के लिए मजबूर हैं. जैसे दिल्ली में आप पार्टी और कांग्रेस और उप्र में सपा-बसपा और कांग्रेस, प. बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल तथा कश्मीर में भी यही हाल है. 

देवेगौड़ा का कहना है कि इन अंतर्विरोधों का समाधान पहले होना चाहिए. इस गठबंधन को कहीं सीटों का यह बंटवारा ही न ले बैठे. दूसरी बात उन्होंने कही कि मानो आपने मोदी को हटा दिया लेकिन आप उसके बाद करेंगे क्या ? आप एक ठोस घोषणा-पत्र क्यों नहीं तैयार करते, जिसके आधार पर लोगों की सच्ची सेवा हो सके.

तीसरी बात उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण कही कि भाजपा के हर उम्मीदवार के विरु द्ध विपक्ष का सिर्फ एक ही उम्मीदवार होना चाहिए. यदि ऐसा हो जाए तो आज तो कोई लहर नहीं है. 2014 की कांग्रेस-विरोधी लहर में यदि मोदी को सिर्फ 31 प्रतिशत वोट मिले थे तो उनकी संख्या अब तो आधी तक घट सकती है. यानी भाजपा को 100 सीटें भी मिल जाएं तो गनीमत है. आज भारत की राजनीति से सिद्धांत और विचारधारा का पलायन हो चुका है. सत्ता ही सत्य है, बाकी सब मिथ्या है. सत्ता से सेवा और सेवा से सत्ता ली जाए तो भी कुछ बुरा नहीं है. यही बात देवगौड़ा ने कही है.

Web Title: hd deve gowda raised questions on mahagathbandhan

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