ब्लॉग: ग्लोबल वार्मिंग बना रही ‘बिपरजॉय’ को घातक

By निशांत | Published: June 10, 2023 04:36 PM2023-06-10T16:36:44+5:302023-06-10T16:42:35+5:30

पिछले चक्रवातों की तरह चक्रवात बिपरजॉय को समुद्र के बढ़ते तापमान और ग्लोबल वार्मिंग के कारण नमी की उपलब्धता में वृद्धि से लाभ हुआ है। इसके अलावा पिछले दो दशकों के दौरान अरब सागर में चक्रवातों की कुल अवधि में 80% की वृद्धि हुई है।

Global warming is making cyclone biperjoy fatal | ब्लॉग: ग्लोबल वार्मिंग बना रही ‘बिपरजॉय’ को घातक

फोटो सोर्स: Twitter@WeatherWupk

Highlightsचक्रवात ‘बिपरजॉय’ पहले से ज्यादा गंभीर रूप ले रहा है। इसके कारण ही भारत में देर से मॉनसून ने दस्तक दी है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण चक्रवात ‘बिपरजॉय’ और भी घातक बन रहा है।

नई दिल्ली:  इस साल के, अरब सागर में आए पहले चक्रवात ‘बिपरजॉय’ ने फिलहाल काफी गंभीर सूरत धारण कर ली है. लेकिन इसी बीच राहत की बात ये है कि मानसून कुछ दिनों की देरी से कल केरल पहुंच गया. मगर हां, चक्रवात की वजह से मानसून की गति पर प्रभाव पड़ सकता है. साथ ही, इसके चलते मौसम विभाग ने मुंबई-गोवा, कर्नाटक-केरल और गुजरात में तूफान को लेकर अलर्ट जारी किया है.

चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के कारण देर में आया मॉनसून

अरब सागर में इस चक्रवाती तूफान के कारण भारत को इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून के आगमन में कुछ देरी का सामना करना पड़ा है. मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि तूफान 12 जून तक एक बेहद गंभीर चक्रवात की ताकत को बनाए रखेगा.

ध्यान रहे कि अध्ययनों से पता चलता है कि अरब सागर में चक्रवातों की आवृत्ति, अवधि और तीव्रता में वृद्धि हुई है जहां चक्रवातों की संख्या में 52% की वृद्धि हुई है वहीं बहुत गंभीर चक्रवातों में 150% की वृद्धि हुई है. जलवायु परिवर्तन के कारण अरब सागर का गर्म होना इस प्रवृत्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 

ग्लोबल वार्मिंग के कारण चक्रवात बिपरजॉय को मिली है मदद 

पिछले चक्रवातों की तरह चक्रवात बिपरजॉय को समुद्र के बढ़ते तापमान और ग्लोबल वार्मिंग के कारण नमी की उपलब्धता में वृद्धि से लाभ हुआ है. इसके अलावा पिछले दो दशकों के दौरान अरब सागर में चक्रवातों की कुल अवधि में 80% की वृद्धि हुई है. बहुत गंभीर चक्रवातों की अवधि में 260% की वृद्धि हुई है. 

चार जून को भारत में आना था मॉनसून

भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत, जिसके चार जून के आसपास होने की भविष्यवाणी की गई थी, चक्रवात की उपस्थिति से प्रभावित हुई. मानसून की आमद केरल में हो चुकी है लेकिन चक्रवात के विकास के परिणामस्वरूप उस पर असर होना तय है. आईपीसीसी के अनुसार, समुद्र की सतह का तापमान बढ़ गया है और भविष्य में इसके और बढ़ने का अनुमान है. 

हिंद महासागर में सबसे तेज सतही वार्मिंग हुई है. नतीजतन, गर्म जलवायु में गंभीर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की तीव्रता बढ़ने की उम्मीद है. कुल मिलाकर, अरब सागर में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की उपस्थिति और दक्षिण पश्चिम मानसून के साथ इसका तालमेल क्षेत्र में चक्रवात गतिविधि और मौसम के पैटर्न पर ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को साफ दर्शाता है.

 

Web Title: Global warming is making cyclone biperjoy fatal

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