लाइव न्यूज़ :

महाराष्ट्र के किसानों को दिवाली से पहले बीमा राशि देना सराहनीय कदम

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: November 10, 2023 11:17 IST

महाराष्ट्र के किसानों को दिवाली से पहले बड़ी खुशखबरी मिली है। राज्य में काम करने वाली फसल बीमा कंपनियों ने फसल बीमा वितरण के पहले चरण में लगभग 1700 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है।

Open in App
ठळक मुद्देमहाराष्ट्र में बीमा कंपनियों ने फसल बीमा वितरण के पहले चरण में लगभग 1700 करोड़ रुपए की मंजूरी दीइसका लाभ राज्य के सभी जिलों के लगभग 35 लाख किसानों को मिलेगामहाराष्ट्र में इस साल बारिश की भारी कमी के कारण किसानों ने सूखे की स्थिति का सामना किया है

महाराष्ट्र के किसानों को दिवाली से पहले बड़ी खुशखबरी मिली है। राज्य में काम करने वाली फसल बीमा कंपनियों ने फसल बीमा वितरण के पहले चरण में लगभग 1700 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है। इसका लाभ राज्य के सभी जिलों के लगभग 35 लाख किसानों को मिलेगा।

चूंकि संबंधित बीमा कंपनियों ने संबंधित लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में सीधे बीमा राशि का वितरण शुरू कर दिया है, इसलिए अधिकांश स्थानों पर फसल बीमा की अग्रिम राशि दिवाली से पहले किसानों के खातों में जमा कर दी जाएगी। महाराष्ट्र में इस साल बारिश की भारी कमी के कारण किसानों ने सूखे की स्थिति का सामना किया।

करीब डेढ़ महीने तक राज्य के कई जिले बारिश के लिए तरसते रहे। सूखे की वजह से न सिर्फ खरीफ सीजन की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुईं, बल्कि अब रबी सीजन की बुआई पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं क्योंकि मिट्टी में नमी बहुत कम है। किसानों को राहत देने के लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में 40 तालुका में सूखा घोषित किया गया है और जिन तालुकाओं को सूखा घोषित किया गया है अब उनमें आर्थिक मदद मिलेगी।

सरकार सूखा प्रभावित किसानों को मुआवजा देगी क्योंकि सूखे के कारण काफी किसानों की सोयाबीन, प्याज और कपास की खेती पर बुरा असर पड़ा है। खरीफ सीजन के दौरान विभिन्न जिलों में मौसम के असंतुलन के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ। सरकार की ओर से चलाई गई एक रुपए की फसल बीमा योजना में राज्य के 1 करोड़ 71 लाख किसान शामिल हैं। इसलिए अब फसल नुकसान पर हर किसान को लाभ मिलने जा रहा है।

भारत में कृषि क्षेत्र में फसल बीमा की अवधारणा जोखिम प्रबंधन के रूप में बीसवीं सदी के अंत में आई। इस अवधारणा को सदी के अंत तक कई मायनों में लागू किया गया। हमारे देश में अधिकांश लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर करते हैं, फिर भी भारत में फसल उत्पादन काफी हद तक मौसम पर निर्भर है।

अप्रत्याशित और अनियंत्रित बाहरी खतरों से कृषि अब बेहद जोखिम भरा उद्यम बन गई है। कृषि में जोखिम फसल उत्पादन, मौसम की अनिश्चितता, फसल की कीमतों, ऋण और नीतिगत फैसलों से जुड़े हुए हैं। किसी भी देश की उन्नति तभी संभव है जब वहां का किसान खुशहाल हो क्योंकि देश की खुशहाली का रास्ता गांवों से ही होकर जाता है।

टॅग्स :FarmersMaharashtra
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार में जहां खून से लाल होती थी धरती, वहां फूलों की खेती से महक उठा है इलाका, लाखों कमा रहे हैं किसान

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारतMaharashtra Local Body Polls 2025: राज्य के 242 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान, 3 को होगी मतगणना

भारत अधिक खबरें

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं

भारतलालू यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव ने जमा किया ₹3 लाख 61 हजार रुपये का बिजली बिल, विभाग ने थमाया था नोटिस

भारतबिहार की राजधानी पटना से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मोकामा में होगा श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर का निर्माण, राज्य सरकार ने उपलब्ध कराई जमीन

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया पटना डेयरी प्रोजेक्ट, सुधा का निरीक्षण, एमडी शीर्षत कपिल अशोक ने दी डेयरी की उपलब्धि की जानकारी