जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: पड़ोसी देशों से बढ़ाएं कारोबार

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 18, 2018 09:03 PM2018-12-18T21:03:49+5:302018-12-18T21:03:49+5:30

हाल ही में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में विश्व बैंक के द्वारा ‘ग्लास हॉफ फुल : प्रामिस ऑफ रीजनल ट्रेड इन साउथ एशिया’ नामक रिपोर्ट को जारी किया गया

Extend business from neighboring countries | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: पड़ोसी देशों से बढ़ाएं कारोबार

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: पड़ोसी देशों से बढ़ाएं कारोबार

हाल ही में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में विश्व बैंक के द्वारा ‘ग्लास हॉफ फुल : प्रामिस ऑफ रीजनल ट्रेड इन साउथ एशिया’ नामक रिपोर्ट को जारी किया गया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत दोनों के बीच मौजूदा व्यापार अपनी पूरी क्षमता से काफी कम है. भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार मौजूदा दो अरब डॉलर से बढ़कर 37 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है, बशर्ते दोनों पड़ोसी देशों के द्वारा कृत्रिम रूप से पैदा अड़चनों, आपसी भरोसे की कमी, जटिल तथा अपारदर्शी गैर-शुल्कीय उपायों को खत्म करने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएं. विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान की दक्षिण एशिया के साथ व्यापार की क्षमता 39.7 अरब डॉलर की है, जबकि अभी वास्तविक व्यापार 5.1 अरब डॉलर है. विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के प्रस्तुतकर्ता प्रमुख अर्थशास्त्री संजय कथूरिया ने इस अवसर पर कहा कि पाकिस्तान और भारत की सरकारों द्वारा करतारपुर गलियारे को खोलने से भरोसे की कमी को दूर किया जा सकेगा. 

विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया के देशों (भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान) का अंतरक्षेत्रीय व्यापार दुनिया के अन्य सभी क्षेत्रों के आपसी कारोबार की तुलना में सबसे कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017-18 में  भारत का दक्षिण एशिया के साथ कारोबार करीब 1900 करोड़ डॉलर रहा है, जबकि दक्षिण एशिया क्षेत्र के पड़ोसी देशों के साथ भारत की कुल कारोबार क्षमता करीब 6200 करोड़ डॉलर  की है. इसका मतलब यह है कि भारत पड़ोसी देशों के साथ कारोबार क्षमता का महज 31 फीसदी कारोबार ही कर पा रहा है. दक्षिण एशिया में भारत का विदेश व्यापार भारत के कुल वैश्विक विदेश व्यापार का महज तीन फीसदी है.

नि:संदेह यह विडंबना ही है कि चमकीली आपसी विदेश व्यापार की संभावनाएं रखने वाला दक्षिण एशिया आपसी विदेश व्यापार में बहुत पीछे है. ऐसा खासतौर पर इसलिए है क्योंकि इस क्षेत्र के दो बड़े देशों भारत और पाकिस्तान के बीच निरंतर विवाद की स्थिति बनी रहती है. हम आशा करें कि सार्क देश आपसी कारोबार बढ़ाने के लिए शुल्क बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ मंजूरी प्रक्रिया, नियमन और मानक जैसी बाधाओं के अविश्वास के संकट को भी दूर करेंगे. इससे दक्षिण एशिया को खुशहाल क्षेत्र बनाया जा सकेगा. 

Web Title: Extend business from neighboring countries

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