ब्लॉग: अंग्रेजी सिखाएं, पर अनिवार्यता खत्म करें

By वेद प्रताप वैदिक | Published: July 26, 2022 01:14 PM2022-07-26T13:14:26+5:302022-07-26T13:16:32+5:30

अंग्रेजी से कुश्ती लड़ने में छात्रों का सबसे ज्यादा समय नष्ट होता है. अन्य विषयों की उपेक्षा होती है. मौलिकता नष्ट होती है.

English teaching is important but dependency on it should be eliminated | ब्लॉग: अंग्रेजी सिखाएं, पर अनिवार्यता खत्म करें

ब्लॉग: अंग्रेजी सिखाएं, पर अनिवार्यता खत्म करें

इसमें जरा भी शक नहीं है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई नई और अच्छी पहल की है. उसकी नई शिक्षा पद्धति को देखकर कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी काफी प्रभावित हुई हैं. अब दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि वह 50 केंद्रों में एक लाख ऐसे बच्चे तैयार करेगी, जो फर्राटेदार अंग्रेजी बोल सकें. 

अंग्रेजी की अनिवार्य पढ़ाई तो भारत के सभी विद्यालयों में होती है लेकिन अंग्रेजी में संभाषण करने की निपुणता कम ही छात्रों में होती है. इसी वजह से वे न तो अच्छी नौकरियां ले पाते हैं और वे जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी हीनता-ग्रंथि से ग्रस्त रहते हैं. ऐसे छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने का मौका मिले, इसीलिए दिल्ली सरकार अब 12 वीं पास छात्रों को अंग्रेजी बोलने का अभ्यास मुफ्त में करवाएगी. 

शुरू में वह उनसे 950 रुपए जमा करवाएगी ताकि वे पाठ्यक्रम के प्रति गंभीर रहें. यह राशि उन्हें अंत में लौटा दी जाएगी. यह पाठ्यक्रम सिर्फ 3-4 माह का ही होगा.

मोटे तौर पर दिल्ली सरकार की इस योजना के पीछे उसकी मंशा पूरी तरह सराहनीय है लेकिन दिल्ली की ही नहीं, हमारे सभी राज्यों और केंद्र की सरकार ने क्या कभी सोचा कि हमारी शिक्षा और नौकरियों में अंग्रेजी की अनिवार्यता ने भारत का कितना बड़ा नुकसान किया है? यदि सरकारी नौकरियों से अंग्रेजी की अनिवार्यता हटा दी जाए तो कौन माता-पिता अपने हिरण-जैसे बच्चों पर घास लादने की गलती करेंगे? 

चीनी भाषा के अलावा किसी भी विदेशी भाषा को सीखने के लिए साल-दो साल काफी होते हैं लेकिन भारत में बच्चों पर यह घास दस-बारह साल तक लाद दी जाती है. अपने छात्र-काल में मैंने अंग्रेजी के अलावा जर्मन, रूसी और फारसी भाषाएं साल-साल भर में आसानी से सीख ली थीं. अंग्रेजी से कुश्ती लड़ने में छात्रों का सबसे ज्यादा समय नष्ट होता है. 

अन्य विषयों की उपेक्षा होती है. मौलिकता नष्ट होती है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री मनीष सिसोदिया से मैं आशा करता हूं कि वे ऐसा जबर्दस्त अभियान चलाएं कि भारत में नौकरियों और शिक्षा से अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म हो जाए. जिन्हें उच्च शोध, विदेश व्यापार और कूटनीति के लिए विदेशी भाषाएं सीखनी हों, वे जरूर सीखें. उन्हें पूर्ण सुविधाएं दी जाएं.

Web Title: English teaching is important but dependency on it should be eliminated

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