तरह-तरह के आइटम बनाम असंसदीय शब्द, पीयूष पांडे का ब्लॉग
By पीयूष पाण्डेय | Published: October 24, 2020 02:15 PM2020-10-24T14:15:30+5:302020-10-24T14:15:30+5:30
नेताजी ने चुनावी सभा में एक महिला नेता को ‘आइटम’ कह दिया. जिस तरह देश के करोड़ों वोटर पार्टियों के घोषणापत्न को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर पार्टियां घोषणापत्न जारी क्यों करती हैं, जब उन्हें उसे पूरा नहीं करना होता, उसी तरह लाखों लोग अब ‘आइटम’ शब्द को लेकर कंफ्यूज हैं.
जिस तरह हर उभरता खिलाड़ी आईपीएल जैसी क्रिकेट लीग में अपना हुनर दिखाकर राष्ट्रीय टीम में जगह पक्की करना चाहता है, उसी तरह कई उभरते राजनेता बतौर बयानवीर अपना हुनर दिखाकर आलाकमान की आंखों का तारा बन राष्ट्रीय फलक पर छाने का सपना देखते हैं.
कई बयानवीर चुनावों के वक्त इसलिए हुनर दिखाते हैं ताकि टिकट न मिले तो कम से कम ‘बिग बॉस’ के घर में जगह मिलने की संभावना बने. ऐसा नहीं है कि राष्ट्रीय टीम में जगह बना चुके बयानवीर बयानबाजी का हुनर नहीं दिखाते. चुनाव के दौरान वे इसलिए बयानों के छक्के जड़ते हैं कि कोई चंगू-मंगू नेता यह नहीं सोच पाए कि वरिष्ठ नेता अपना हुनर भूल चुके हैं.
अब देखिए, एक बड़े नेताजी ने चुनावी सभा में एक महिला नेता को ‘आइटम’ कह दिया. जिस तरह देश के करोड़ों वोटर पार्टियों के घोषणापत्न को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर पार्टियां घोषणापत्न जारी क्यों करती हैं, जब उन्हें उसे पूरा नहीं करना होता, उसी तरह लाखों लोग अब ‘आइटम’ शब्द को लेकर कंफ्यूज हैं. विरोधी कह रहे हैं कि आइटम असंसदीय शब्द है, जिसका इस्तेमाल गलत है और नेताजी को माफी मांगनी चाहिए. नेताजी कह रहे हैं कि आइटम का अर्थ होता है विचित्न.
‘आइटम’ शब्द अपने पूरे सौंदर्य के साथ टीवी बहस के केंद्र में रहा. लेकिन, जिस तरह पृथ्वी का कोई ओर-छोर नहीं है, उसी तरह समाचार चैनलों की बहस का कोई ओर-छोर नहीं होता. अर्थात किसी भी टीवी बहस को देखने के बाद दर्शक यह नहीं बता सकता कि बहस का निष्कर्ष क्या रहा? यही ‘आइटम’ शब्द को लेकर हुई बहस में हुआ. मैं अभी तक कंफ्यूज हूं कि आइटम शब्द का इस्तेमाल करूं या नहीं?
फिल्मों में आइटम सॉन्ग होता है, जिसे कई निर्माता उतना ही आवश्यक मानते हैं, जितना दाल में नमक. राजनीति में आइटम सॉन्ग भले न हो, लेकिन आइटम डायलॉग होते हैं. हर पार्टी में दो-चार आइटम राजनेता होते हैं, जो अल्ल-बल्ल बयान देकर कभी भी किसी गंभीर मुद्दे की दशा और दिशा बदलने में सक्षम होते हैं. टीवी चैनलों को इन आइटम नेताओं में जबर्दस्त टीआरपी दिखती है. इस लिहाज से बयानवीर आइटम राजनेता टीआरपी देव के अवतार समान ही होते हैं.
सच कहूं तो हर फील्ड में अलग-अलग ‘आइटम’ होते हैं. मैं स्वयं लेखन की दुनिया का आइटम बनना चाहता हूं, जिसे दुनिया का हर संपादक छापना चाहे. इस बीच, मेरी सरकार से मांग है कि आइटम, माल, चिरकुट, चमन चंपक वगैरह शब्दों को असंसदीय शब्दों की सूची से बाहर किया जाए ताकि बयानवीर बिना शर्म के इनका इस्तेमाल कर सकें और चैनल इन शब्दों के इस्तेमाल को लेकर अपना और दर्शकों का समय बर्बाद न करें.