वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: शिक्षा मुफ्त तो चिकित्सा क्यों नहीं?
By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 4, 2021 10:20 AM2021-10-04T10:20:14+5:302021-10-04T10:45:39+5:30
जब तक कोई राष्ट्र अपनी शिक्षा और चिकित्सा को सबल नहीं बनाएगा, वह निर्बल रहेगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस दिशा में पहले दिल्ली में कदम बढ़ाया और अब यही काम बड़े पैमाने पर पंजाब में करने की घोषणा उन्होंने की है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की अपनी चुनावी यात्रा के दौरान एक गजब की बात कह दी है, जिसकी वकालत मैं अपने भाषणों और लेखों में वर्षों से करता रहा हूं. मेरा निवेदन यह है कि जब तक कोई राष्ट्र अपनी शिक्षा और चिकित्सा को सबल नहीं बनाएगा, वह निर्बल रहेगा.
भारत की लगभग सभी सरकारों ने इन दोनों क्षेत्रों में थोड़े-बहुत सुधार की कोशिश जरूर की है लेकिन ये दोनों क्षेत्र यदि बलवान हो जाएं तो भारत को महाशक्ति बनने से कोई रोक नहीं सकता.
अरविंद केजरीवाल ने इस दिशा में पहले दिल्ली में कदम बढ़ाया और अब यही काम बड़े पैमाने पर पंजाब में करने की घोषणा उन्होंने की है.
केजरीवाल ने कहा है कि पंजाब के हर गांव में एक अस्पताल खुलेगा. सबका इलाज मुफ्त होगा. जांच मुफ्त होगी. जिन नागरिकों की शल्य-चिकित्सा होगी, वह 15 लाख रुपए तक मुफ्त होगी.
विरोधी दल कह सकते हैं कि केजरीवाल ने यह चुनावी फिसलपट्टी खड़ी कर दी है ताकि इस लालच में वोट फिसलते चले आएं. मैं पूछता हूं कि आपको किसने रोका है? आप भी ऐसी घोषणा क्यों नहीं कर देते? कोई हारे, कोई जीते, जनता का तो भला ही होगा.
यह सबको पता है कि इलाज के नाम पर भारत में आजकल कितनी जबरदस्त लूट होती है. यह खुशी की बात है कि राजस्थान के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का बीड़ा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उठाया है और प्रधानमंत्री ने भी उनका समर्थन किया है लेकिन इन मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में पढ़ाई कब शुरू होगी? कौन यह हिम्मत करेगा?
पिछले सात वर्षो में हमारे दो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रियों ने स्वभाषा में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करवाने का वायदा मुझसे कई बार किया लेकिन वह आज तक शुरू नहीं हुई. ऐलोपैथी अब भी जादू-टोना बनी हुई है, अंग्रेजी के कारण. इसी कारण ग्रामीणों और गरीबों के बच्चे डॉक्टर नहीं बन पाते. ठगी का भी कारण यही है.
यदि डॉक्टरी की पढ़ाई हिंदी में शुरू हो जाए और ऐलोपैथी, आयुर्वेदिक, होमियोपैथी और यूनानीपैथी की संयुक्त पढ़ाई हो तो यह भारत का ही नहीं, दुनिया का नया चमत्कार होगा और लूट भी खत्म होगी.
अमेरिका ने द्वितीय महायुद्ध के बाद अपने शिक्षा और चिकित्सा के बजट में जबरदस्त बढ़ोतरी की थी. उसने यूरोप को पीछे छोड़ दिया और वह आज दुनिया का सबसे अधिक संपन्न व शक्तिशाली राष्ट्र बन गया है. शिक्षा मन को मजबूत करेगी और चिकित्सा तन को! तब धन तो खुद ही बरसेगा.