संपादकीयः आतंक को पनाह देने वालों को अलग-थलग किया जाए
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 16, 2019 06:07 AM2019-02-16T06:07:35+5:302019-02-16T06:07:35+5:30
जरूरत इस बात की है कि पाकिस्तान को हर तरह से अलग-थलग कर दिया जाए.
पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पूरा देश गम और गुस्से में है. पाकिस्तान की जमीन से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की इस कायराना हरकत के बाद अब बेहद कड़ी कार्रवाई करने का वक्त है. जरूरत इस बात की है कि पाकिस्तान को हर तरह से अलग-थलग कर दिया जाए. हालांकि भारत लगातार इसकी कोशिश करता रहा है, समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाता रहा है, लेकिन इस कोशिश में अब तक बड़ी कामयाबी नहीं मिल सकी है.
वजह यह है कि चीन, सऊदी अरब और अमेरिका इसमें अक्सर रोड़ा बनकर सामने आते रहे हैं. पूरी दुनिया को पता है कि जैश का सरगना कुख्यात आतंकी मसूद अजहर पाकिस्तान में मौजूद है और बेखौफ होकर अपना एजेंडा चला रहा है. आतंकियों को तैयार करने के लिए कई ठिकानों पर उसके प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं, जहां लड़ाकों को भारत में हमले करने की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बावजूद उसे वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका है.
भारत सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित कराने की कोशिशों पर चीन ने वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर बार-बार रोड़ा अटकाया है. लेकिन अब आतंक और उसकी पनाहगाहों के साथ ‘जैसे को तैसा’ का व्यवहार किए जाने का वक्त है. भारत को बहुत व्यापक तरीके से, आक्रामक अंदाज में इस मुद्दे पर काम करने की जरूरत है. एक बात साफ हो चुकी है कि पाकिस्तान में न तो उतना दमखम है और न ही उसकी इतनी हैसियत है कि वह भारत से आमने-सामने दो-दो हाथ कर सके.
इसी वजह से वह कायरतापूर्ण हरकतें कर रहा है और पीछे से छिपकर आतंकियों के जरिये वार कर रहा है. देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ फूटे गुस्से के बीच सरकार ने पड़ोसी देश से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीनने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जवाबी कार्रवाई के लिए सेना को खुली छूट देते हुए उसे समय और स्थान चुनने की इजाजत दे दी है.
साफ है कि अब तीखे और त्वरित प्रहार करने की जरूरत है. पूरे देशवासियों की एक ही इच्छा है कि पाकिस्तान को उसकी कायरतापूर्ण हरकतों के लिए ऐसा सबक सिखाया जाए कि वह भविष्य में सपने में भी भारत की ओर आंख उठाने की हिम्मत न कर सके. आज पूरे देश को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े रहने की जरूरत है.