संपादकीय: आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना ही होगा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 20, 2019 07:11 AM2019-03-20T07:11:01+5:302019-03-20T07:11:01+5:30

आज आतंकवाद केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। इसी के चलते हम हर रोज किसी न किसी देश में आतंकवादी हमलों की खबर सुनते रहते हैं।

Editorial: must be united against terrorism | संपादकीय: आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना ही होगा

संपादकीय: आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना ही होगा

पहले भारत फिर न्यूजीलैंड और अब नीदरलैंड में भी आतंकवाद का खूनी खेल खेला गया है। भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे, इसके बाद न्यूजीलैंड में हुए हमले में 50 लोगों की जान गई थी। सोमवार को नीदरलैंड के यूट्रेक्ट शहर में एक ट्राम में अंधाधुंध गोलीबारी की गई। सुरक्षाबलों के अनुसार यह आशंका जताई जा रही है कि आतंकी शायद किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए हमले कर रहे थे। 

आज आतंकवाद केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। इसी के चलते हम हर रोज किसी न किसी देश में आतंकवादी हमलों की खबर सुनते रहते हैं। अगर कोई देश यह समझता है कि वह आतंकवाद से बचा रह सकता है, तो वह किसी गलतफहमी में न रहे। आतंकवाद की कोई सीमा नहीं है, मर्यादा नहीं है, वह कहीं भी जाकर मानवता के सामने चुनौती खड़ी कर सकता है- न्यूजीलैंड और नीदरलैंड जैसे शांतिप्रिय देशों पर हालिया हमलों ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया है। अब विश्व शक्तियों को समझ लेना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना कितना जरूरी है। नहीं तो आतंकी संगठनों के बढ़ते कदम से मानवता का अस्तित्व और दुनिया भर के लोगों की सुख-समृद्धि खतरे में पड़ जाएगी। इतना ही नहीं, समय रहते आतंकवाद पर नकेल नहीं कसी गई तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य खतरे के साये में ही रहेगा। 

सभी देशों को आतंकवाद को हर प्रकार का सहयोग बंद करना चाहिए। हाल ही में अमेरिका ने अपनी तरफ  से जैश पर प्रतिबंध लगा दिया है और उसको मिलने वाली वित्तीय मदद के सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं, लेकिन इसके साथ ही दुनिया के अन्य देशों की तरफ से भी ऐसे प्रयासों की जरूरत है। आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक आतंकवाद है और उससे लड़ने के लिए तुरंत मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार करने की आवश्यकता है। आतंकवाद जीवन, शांति और समृद्धि के मौलिक मानवाधिकारों का दुश्मन है। आतंकवादी किसी भी सीमा से बंधे हुए नहीं हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता के ढांचे को नष्ट करना चाहते हैं और बहुलतावाद में विश्वास करने वाले समाज में डर की दीवारें खड़ी करना चाहते हैं। दुनिया से इस अभिशाप को खत्म करने के लिए सभी देशों को एक साथ काम करना होगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपने-अपने मतभेदों से परे एकजुट होना होगा, अपने संकल्प को दृढ़ करना होगा और आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी रणनीति बनानी होगी। आतंकवाद को खत्म किए बिना मानवता की रक्षा संभव नहीं होगी।

Web Title: Editorial: must be united against terrorism

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