संपादकीयः जरूरी था अमेरिका को आईना दिखाना

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: September 28, 2022 03:18 PM2022-09-28T15:18:14+5:302022-09-28T15:19:04+5:30

जयशंकर ने अमेरिका में भारतीय अमेरिकियों के साथ रविवार को संवाद के दौरान कहा कि 'हर कोई जानता है कि एफ-16 का कहां और किसके खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है...।

Editorial It was necessary to show the mirror to America on $450 million package approved pakistan | संपादकीयः जरूरी था अमेरिका को आईना दिखाना

संपादकीयः जरूरी था अमेरिका को आईना दिखाना

अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रख-रखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दिए जाने पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका को जो खरी-खरी सुनाई है, उसने भारत की विदेश नीति की मजबूती को दर्शाया है। जयशंकर ने अमेरिका में भारतीय अमेरिकियों के साथ रविवार को संवाद के दौरान कहा कि 'हर कोई जानता है कि एफ-16 का कहां और किसके खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है...। आप इस प्रकार की बातें कहकर किसी को मूर्ख नहीं बना सकते।' भारत पर गलत खबरें देने के बारे में अमेरिकी मीडिया को भी जयशंकर ने आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'मैं मीडिया में आने वाली खबरों को देखता हूं। कुछ समाचार पत्र हैं, जिनके बारे में आपको अच्छी तरह पता होता है कि वे क्या लिखने वाले हैं और ऐसा ही एक समाचार पत्र यहां भी है।' 

दरअसल अमेरिका जिस तरह से भारत को रूस के खिलाफ करने और पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, उसमें उसकी कुटिलता की बू आती है। हाल ही में समरकंद में शंघाई सहयोग परिषद की बैठक से इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। इसे अमेरिकी मीडिया ने इतना बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया मानो भारत रूस के खिलाफ हो गया है। चीन के खिलाफ भी अमेरिका की कोशिश भारत का इस्तेमाल करने की ही रहती है। लेकिन चीन के पाकिस्तान के समर्थन में खुलकर रहने के बाद भी अमेरिका ने पाक को 45 करोड़ डॉलर के पैकेज को जो मंजूरी दी है, उसने उसकी कलई खोलकर रख दी है।

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2008 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव पर चीन ने वीटो कर दिया था। इसके पहले जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैक लिस्ट करने की राह में भी चीन ने बाधा डाली थी। इसके बावजूद अमेरिका अगर पाकिस्तान की मदद कर रहा है तो उसकी नीयत साफ समझ में आती है क्योंकि सब जानते हैं कि पाकिस्तान इस मदद का उपयोग किसके खिलाफ करता है। 

रूस से पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति बढ़ाने के मुद्दे पर भी अमेरिका और पश्चिम के अन्य देशों ने काफी दबाव बनाने की कोशिश की थी कि भारत ऐसा न करे। उस समय भी विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने उनको आईना दिखाते हुए कहा था कि पश्चिमी देश खुद तो रूस से गैस आपूर्ति बढ़ा रहे हैं और भारत को उपदेश दे रहे हैं। इसलिए यह संतोष की बात है कि अमेरिका या किसी भी अन्य देश के झांसे या दबाव में आने के बजाय भारत अपना पक्ष बेबाकी से रख रहा है और वैश्विक राजनीति में अपना एक मजबूत स्थान बना रहा है।

Web Title: Editorial It was necessary to show the mirror to America on $450 million package approved pakistan

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