संपादकीय: अर्थव्यवस्था ‘उड़ान’ भरने की तैयारी में
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 26, 2020 04:46 AM2020-05-26T04:46:28+5:302020-05-26T04:46:28+5:30
आम आदमी के इसी विश्वास के फलस्वरूप सरकार में भी आत्मविश्वास पैदा हुआ और उसने सड़क तथा रेलवे के बाद हवाई सेवाएं शुरू करने का दूरगामी फैसला किया.
धीरे-धीरे से ही सही कोरोना वायरस के संक्रमण का मुकाबला करने के साथ-साथ सरकार ने अर्थ व्यवस्था के फिर से उड़ान भरने का मार्ग प्रशस्त करना शुरू कर दिया है. अब जब यह स्पष्ट हो गया है कि कोविड-19 का फिलहाल कोई इलाज नहीं है और दुनिया भर के तमाम देशों की तरह भारत को भी कोरोना वायरस के साथ ही लंबे समय तक जीना पड़ सकता है, तब जनजीवन को सामान्य बनाने एवं अर्थ व्यवस्था के पहियों को रफ्तार देने की दिशा में ठोस कदम उठाना तार्किक कदम है.
\भारत दो माह से लॉकडाउन के साए में जी रहा है. आर्थिक गतिविधियां लॉकडाउन के पहले चरण में पूरी तरह बंद कर दी गई थीं और सामान्य जनजीवन भी थम गया था. लॉकडाउन के दूसरे और तीसरे चरण में कोरोना संक्रमण को रोकने एवं अर्थ व्यवस्था व जनजीवन को पटरी पर लाने की कवायद के बीच संतुलन साधते हुए केंद्र तथा राज्य सरकारों ने कदम उठाने शुरू किए.
कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति देखकर पहले सड़क परिवहन, उसके बाद सीमित रूप से रेल यातायात और 25 मई से घरेलू हवाई सेवा शुरू की गई.
पहले दिन हवाई यात्रा करने के इच्छुक यात्रियों ने जिस अनुशासन तथा संयम का परिचय दिया, वह सराहनीय है. अर्थ व्यवस्था के लिए सड़क, रेल तथा हवाई सेवा का सुचारू होना बेहद जरूरी है. कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए इन तीनों सेवाओं को बंद रखना आवश्यक हो गया था क्योंकि इनके जरिए कोरोना संक्रमित एक जगह से दूसरी जगह पर इस वायरस को लेकर जाते.
यही नहीं उनके साथ यात्रा करने वालों के भी बड़ी तादाद में संक्रमित होने का खतरा था. इससे अर्थ व्यवस्था के पहिए थम जरूर गए, मगर सरकार के सामने इसके अलावा कोई चारा भी नहीं था क्योंकि लोगों की जान बचाना भी जरूरी था. यूरोपीय देशों तथा अमेरिका ने शुरू में इस बीमारी को हल्के ढंग से लिया और उसके बड़े भयावह नतीजे सामने आए हैं.
इन देशों को भी अंतत: लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाने पड़े लेकिन डेढ़ माह बाद उन्होंने भी अपनी अर्थ व्यवस्था में जान फूंकना शुरू कर दिया और एक-एक क्षेत्रों को खोलना शुरू कर दिया. देश में दो माह से चल रहे लॉकडाउन ने आम भारतीय को कोविड-19 से बचने तथा उससे लड़ने में सक्षम बना दिया है.
सरकार के साथ-साथ आम आदमी भी यह मानस बना चुका है कि वह कोविड-19 का मुकाबला करेगा. आम आदमी के इसी विश्वास के फलस्वरूप सरकार में भी आत्मविश्वास पैदा हुआ और उसने सड़क तथा रेलवे के बाद हवाई सेवाएं शुरू करने का दूरगामी फैसला किया. इससे आवागमन में सुविधा तो होगी ही, साथ ही उद्योग-व्यवसाय जगत को भी बड़ी राहत मिलेगी.
घरेलू विमान सेवा शुरू करना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि कोरोना वायरस का मुकाबला करने के साथ-साथ सरकार आर्थिक विकास को भी रफ्तार देने के लिए कृत संकल्प है. यह इस बात का भी संकेत है कि 31 मई को लॉकडाउन-4 खत्म होने के बाद सरकार अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को बड़े पैमाने पर खोल सकती है.