डॉ. एस.एस. मंठा का ब्लॉग: ऑनलाइन शिक्षा समय की मांग
By डॉ एसएस मंठा | Published: March 27, 2020 11:28 AM2020-03-27T11:28:12+5:302020-03-27T11:28:12+5:30
शिक्षक चूंकि अब अपने घरों में हैं, वे वीडियो पर अपना पाठ रिकॉर्ड कर छात्रों को व्हाट्सएप्प पर भेज सकते हैं. इससे स्कूलों के लिए सामग्री का एक डिजिटल पुस्तकालय भी तैयार होता है. कक्षा में पढ़ाई जाने वाली सामग्री को छात्र जहां एक सीमित अवधि में ही देख पाते हैं, वहीं इस रिकॉर्ड किए हुए पाठ को जब चाहे देख सकते हैं. यह एक ऐसा आयाम है जिसे हम कोविड-19 से लड़ने के क्रम में सकारात्मक रूप से अपना सकते हैं.
पूरी दुनिया इन दिनों कोरोना वायरस की चपेट में है. भारत में भी 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है. स्कूल-कॉलेजों को पहले ही बंद किया जा चुका है. ऐसे में शिक्षा के ऑनलाइन प्रसार के लिए आगे बढ़ना समय की मांग है. स्कूलों को ऑनलाइन शिक्षण में शिफ्ट करना चाहिए.
शिक्षक चूंकि अब अपने घरों में हैं, वे वीडियो पर अपना पाठ रिकॉर्ड कर छात्रों को व्हाट्सएप्प पर भेज सकते हैं. इससे स्कूलों के लिए सामग्री का एक डिजिटल पुस्तकालय भी तैयार होता है. कक्षा में पढ़ाई जाने वाली सामग्री को छात्र जहां एक सीमित अवधि में ही देख पाते हैं, वहीं इस रिकॉर्ड किए हुए पाठ को जब चाहे देख सकते हैं. यह एक ऐसा आयाम है जिसे हम कोविड-19 से लड़ने के क्रम में सकारात्मक रूप से अपना सकते हैं.
यह तरीका शिक्षा ग्रहण करने को आसान बनाएगा, शिक्षा की लागत को कम करेगा, बुनियादी ढांचे पर पड़ने वाले बोझ को कम करेगा और वर्तमान कक्षा प्रणाली द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा की तुलना में शिक्षा के अभिलेखागार को काफी समृद्ध करेगा. जिस तरह प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार ग्रंथों के व्यापक प्रसार में सहायक बना था, उसी तरह ऑनलाइन पद्धति शिक्षा को समृद्ध कर सकती है.
संस्थान और कंपनियां अपने कर्मचारियों को इस अत्यधिक डिजिटल समय में घर से काम करने की अनुमति दे सकती हैं और वे दे भी रही हैं. वस्तुओं के उत्पादन और व्यापार के लिए उद्योग वर्ल्ड वाइड वेब पर पूरी तरह से डिजिटल विनिर्माण समूह में रूपांतरित हो सकते हैं. कोविड-19 और वर्ल्ड वाइड वेब ने एक ही झटके में दुनिया में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को यथार्थ रूप दे दिया है. कोरोना वायरस ने जहां धर्मो, नस्लों, जातियों के परे जाकर सबको समान रूप से अपनी चपेट में लिया है, तो दूसरी और वेब ने सभी मनुष्यों को एकजुट किया है.
कोरोना वायरस ने हम मनुष्यों के भौतिक रूप से एकजुट होने पर रोक लगा दी है. इसलिए हम अलग-अलग रहकर वचरुअल स्पेस पर एक निश्चित विचार साझा कर एकजुटता दिखा सकते हैं और महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रख सकते हैं.