योगेश कुमार गोयल का ब्लॉग: समाज के लिए गंभीर खतरा बनता डीपफेक
By योगेश कुमार गोयल | Published: September 3, 2024 10:03 AM2024-09-03T10:03:35+5:302024-09-03T10:04:46+5:30
स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का वायरल हुआ 33 सेकेंड का एक डीपफेक वीडियो इन दिनों चर्चा में है, जिसमें वे सचिन तेंदुलकर और स्वयं को ‘लीजेंड’ बताते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर शुभमन गिल की बुराई करते नजर आ रहे हैं.
स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का वायरल हुआ 33 सेकेंड का एक डीपफेक वीडियो इन दिनों चर्चा में है, जिसमें वे सचिन तेंदुलकर और स्वयं को ‘लीजेंड’ बताते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर शुभमन गिल की बुराई करते नजर आ रहे हैं.
यह डीपफेक वीडियो विराट के एक पुराने इंटरव्यू को एडिट करते हुए बनाया गया. यह पहला मौका नहीं है, जब विराट डीपफेक के शिकार हुए हों, इसी साल फरवरी महीने में भी उनका एक ऐसा डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक सट्टेबाजी एप्प का विज्ञापन करते दिखाई दिए थे और तब विराट को सोशल पोस्ट के जरिये उसे लेकर सफाई भी देनी पड़ी थी.
विराट कोहली से पहले कई और सेलिब्रिटी भी ऐसे ही डीपफेक के शिकार हो चुके हैं, जिनमें प्रमुख नाम सचिन तेंदुलकर का भी शामिल है. भारत में डीपफेक मुद्दे पर आक्रोश पहली बार तब उभरा था, जब डीपफेक तकनीक के जरिये तैयार किया गया एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें नजर आ रही एक महिला को ‘पुष्पा’ जैसी सफल फिल्म से प्रसिद्ध हुई अभिनेत्री रश्मिका मंदाना दिखाने का प्रयास किया गया था.
तब अमिताभ बच्चन ने उस वीडियो का संदर्भ देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा था कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. रश्मिका के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ, काजोल, रवीना टंडन इत्यादि के डीपफेक वीडियो भी सामने आए.
डीपफेक मुद्दे को लेकर आक्रोश तब और ज्यादा बढ़ गया था, जब कुछ प्रसिद्ध फिल्म अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के डीपफेक वीडियो सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें गरबा खेलते दिखाया गया था जबकि स्वयं प्रधानमंत्री के मुताबिक उन्होंने कभी गरबा खेला ही नहीं.
प्रधानमंत्री का वह फर्जी वीडियो वायरल होने के बाद से ही ‘डीपफेक’ एक बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है और इस पर नकेल कसने की मांग निरंतर उठ रही है. यह वाकई बेहद चिंताजनक स्थिति है कि कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से तैयार किए जा रहे डीपफेक वीडियो अब न केवल जानी-मानी हस्तियों बल्कि आम आदमी के भी गले की फांस बनते जा रहे हैं.
देश में डीपफेक तकनीक के संभावित दुरुपयोग और इसके गैर-नियमन के खिलाफ दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कहा है कि डीपफेक तकनीक समाज में एक गंभीर खतरा बनती जा रही है और केवल तकनीक ही ‘एआई’ की काट हो सकती है.