वैक्सीन आतुर देश में संभावित नजारे, पीयूष पांडे का ब्लॉग
By पीयूष पाण्डेय | Published: December 5, 2020 06:17 PM2020-12-05T18:17:14+5:302020-12-05T18:19:50+5:30
हर विधायक मंत्नी बनने की उम्मीद पाले रहता है, वैसे ही हर हिंदुस्तानी यथाशीघ्र वैक्सीन पाने की उम्मीद पाले बैठा है. वैसे, वैक्सीन सीधे रास्ते से नहीं आई तो टेढ़े रास्ते से आएगी.
दिल्ली से मुंबई जाने वाली रेलगाड़ी ही कई बार 8-10 घंटे विलंब से पहुंचती है. ऐसे में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन में बनी वैक्सीन भारत कब पहुंचेगी, इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता.
लेकिन जिस तरह हर विधायक मंत्नी बनने की उम्मीद पाले रहता है, वैसे ही हर हिंदुस्तानी यथाशीघ्र वैक्सीन पाने की उम्मीद पाले बैठा है. वैसे, वैक्सीन सीधे रास्ते से नहीं आई तो टेढ़े रास्ते से आएगी. मतलब, जब तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आतंकवादी भारतीय सीमा में घुस आते हैं, बिना वीजा-पासपोर्ट के बांग्लादेशी घुसपैठ कर लेते हैं, तो वैक्सीन क्यों नहीं आ सकती? अपना अंदाजा यह है कि वैक्सीन बसंत बहार आते-आते यानी फरवरी तक भारत आ जाएगी. मुझे वैक्सीन को आतुर राष्ट्र की कुछ तस्वीरें दिखाई दे रही हैं.
दृश्य-1
वैलेंटाइन डे पर हर प्रेमिका की डिमांड होगी कि प्रेमी बिना लाइन में लगवाए उसके लिए वैक्सीन का इंतजाम करे. इतना ही नहीं, संभव हो तो उसके परिजनों के लिए भी वैक्सीन का जुगाड़ करे. वैलेंटाइन सप्ताह में गिफ्ट बेचने वाले बड़े शोरूम वैक्सीन फ्री दे सकते हैं.
दृश्य-2
कई लड़के वाले लड़की वालों से दो-टूक कह सकते हैं कि बारातियों का स्वागत वैक्सीन से करें व बारात के पहुंचने पर सबसे पहले वैक्सीन दूल्हे के फूफा को लगाई जाए.
दृश्य-3
अखबारों में खबरें छपेंगी कि वैक्सीन से भरा ट्रक लूटा गया. हाईवे पर चार बदमाशों ने वैक्सीन से भरे ट्रक को रोका और फिर ड्राइवर व सुरक्षाकर्मियों को घायल कर पूरा ट्रक लेकर फरार हो गए. हालांकि पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि ट्रक में रखे 10 किलो सोने को लुटेरों ने हाथ तक नहीं लगाया.
दृश्य-4
मेरी कमीज तेरी कमीज से उजली की तर्ज पर मेरी कंपनी की वैक्सीन दूसरी कंपनी की वैक्सीन से ज्यादा असरदार वाले विज्ञापन अखबारों में दिखेंगे. जाहिर सी बात है कि बॉलीवुड के बड़े सितारे बड़ी कंपनियों की वैक्सीन बेचेंगे और छोटी कंपनियां चंगू-मंगू मॉडल लाकर अपना माल बेचेंगी.
दृश्य-5
अपहरण के बाद फिरौती में वैक्सीन मांगी जा सकती है. डकैत कहेंगे- बेटे की सलामती चाहते हो तो एक हजार वैक्सीन काली पहाड़ी के पीछे छोड़ आओ क्योंकि हमारा गैंग हॉस्पिटल में लाइन में लगकर वैक्सीन नहीं लगवा सकता. कुल मिलाकर वैक्सीन आने के शुरुआती एक-दो महीने दिलचस्प नजारे दिखेंगे. जिनकी जेब में नोट हैं, वो प्रीमियम ग्राहक होंगे और हर हाल में पहले वैक्सीन लेंगे.