Coronavirus: तीसरी बड़ी गलती की सजा मजदूरों को?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: May 17, 2020 06:38 AM2020-05-17T06:38:01+5:302020-05-17T06:38:01+5:30
जो लोग पहले ही मुंबई, अहमदाबाद, सूरत आदि शहरों से पैदल चल कर राजस्थान आ गए थे, उनमें से ज्यादातर न केवल संक्रमण से बचे हुए हैं, बल्कि यहां के खुले वातावरण में सुरक्षित भी रह रहे हैं, लेकिन अब मुंबई जैसे रेड जोन क्षेत्रों से राजस्थान आ रहे मजदूर वहां संक्रमण की गिरफ्त में आसानी से इसलिए आ गए कि ऐसे शहरों में दस बाई दस के एक कमरे में आधा दर्जन से ज्यादा लोग एकसाथ रहते हैं.
कोरोना वायरस अटैक के दौरान वैसे तो कई गलतियां हुई हैं, लेकिन मजदूरों को बगैर सुरक्षा व्यवस्थाओं के शहरों में ही रोक देना तीसरी बड़ी गलती है, जिसके नतीजे अब सामने आ रहे हैं.
राजस्थान के डूंगरपुर जिले में एक ही दिन में 21 नए मामले सामने आए हैं. खबर है कि ये सभी प्रवासी शुक्रवार रात मुंबई से आए थे.
दरअसल, जो लोग पहले ही मुंबई, अहमदाबाद, सूरत आदि शहरों से पैदल चल कर राजस्थान आ गए थे, उनमें से ज्यादातर न केवल संक्रमण से बचे हुए हैं, बल्कि यहां के खुले वातावरण में सुरक्षित भी रह रहे हैं, लेकिन अब मुंबई जैसे रेड जोन क्षेत्रों से राजस्थान आ रहे मजदूर वहां संक्रमण की गिरफ्त में आसानी से इसलिए आ गए कि ऐसे शहरों में दस बाई दस के एक कमरे में आधा दर्जन से ज्यादा लोग एकसाथ रहते हैं.
विश्व में कोरोना महामारी फैलने के दौरान भारत में पहली बड़ी गलती- नमस्ते ट्रंप का आयोजन थी, जिसने कोरोना वायरस को भारत में प्रवेश का आसान मार्ग दिया, दूसरी बड़ी गलती- लॉकडाउन में देरी के कारण तबलीगी जमात को लापरवाही का अवसर मिलना थी, तो तीसरी बड़ी गलती मजदूरों को बगैर सुरक्षा व्यवस्था के मुंबई जैसे शहरों में रोकना रही है.