भारत डोगरा का ब्लॉग: जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए व्यापक कदम उठाएं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 9, 2019 07:12 AM2019-05-09T07:12:58+5:302019-05-09T07:12:58+5:30

ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए कुछ हद तक हम फॉसिल ईंधन के स्थान पर अक्षय ऊर्जा (जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा) का उपयोग कर सकते हैं, पर केवल यह पर्याप्त नहीं है. विलासिता व गैर-जरूरी उपभोग कम करना भी जरूरी है.

CLIMATE CHANGE IS A VERY BIG ISSUE NEED TO TAKE A CONCRETE STEP | भारत डोगरा का ब्लॉग: जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए व्यापक कदम उठाएं

भारत डोगरा का ब्लॉग: जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए व्यापक कदम उठाएं

इस बात पर अब लगभग आम राय बन चुकी है कि जलवायु परिवर्तन गंभीर संकट के स्तर पर पहुंच रहा है और इसे रोकने के लिए व्यापक कदम उठाए जाने जरूरी हैं. अगर धरती के तापमान में अधिक वृद्धि हुई तो समुद्रों का जल-स्तर बढ़ने से लाखों एकड़ क्षेत्र जल-मग्न हो जाएंगे और खाद्य तथा स्वास्थ्य पर बहुत प्रतिकूल असर होने की स्थितियां सहनीय क्षमता से आगे निकल जाएंगी.

वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र के महानिदेशक ने टिकाऊ विकास पर विशेषज्ञों का एक पैनल नियुक्त किया जिसने बताया कि वर्ष 1990 तक समस्या की गंभीरता का पता लगने के बावजूद वर्ष 1990 और 2009 के बीच कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन में 38 प्रतिशत की वृद्धि  हुई.

यह उत्सर्जन वृद्घि वर्ष 2000-2009 में इससे पहले के दशक की अपेक्षा और भी अधिक हो गई. इससे पता चलता है कि समस्या की गंभीरता का पता चलने के बावजूद कितने कम असरदार कदम उठाए गए.

विश्व में औसत तापमान में वृद्धि होने पर बहुत सी ग्रीनहाउस गैस जो साइबेरिया के ठंडे क्षेत्र में जमी पड़ी है वह वायुमंडल में उत्सर्जित हो जाएगी. आद्र्रता वाले वर्षा वन अपनी नमी खोकर ज्वलनशील हो जाएंगे व ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन इस कारण भी होगा. संक्षेप में स्थिति हाथ से निकल जाएगी.

आपदाएं बहुत विकट हो जाएंगी, खाद्य-उत्पादन छिन्न-भिन्न या बेहद अनिश्चित हो जाएगा, कई नई बीमारियों का खतरा ङोलना पड़ेगा, विभिन्न प्रजातियां के नष्ट होने की दर और तेज हो जाएगी.

 जलवायु परिवर्तन के संकट को नियंत्रित करने के उपायों में जनसाधारण की भागीदारी प्राप्त करने का सबसे असरदार उपाय यह है कि विश्वस्तर पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में पर्याप्त कमी उचित समयावधि में लाए जाने की ऐसी योजना बनाई जाए जो सभी लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने से जुड़ी हो व फिर इस योजना को कार्यान्वित करने की दिशा में तेजी से बढ़ा जाए.

यदि इस तरह की योजना बना कर कार्य होगा तो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी के जरूरी लक्ष्य के साथ-साथ करोड़ों अभावग्रस्त लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का लक्ष्य अनिवार्य तौर पर जुड़ जाएगा व इस तरह ऐसी योजना के लिए करोड़ों  लोगों का उत्साहवर्धक समर्थन प्राप्त हो सकेगा. 

ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए कुछ हद तक हम फॉसिल ईंधन के स्थान पर अक्षय ऊर्जा (जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा) का उपयोग कर सकते हैं, पर केवल यह पर्याप्त नहीं है. विलासिता व गैर-जरूरी उपभोग कम करना भी जरूरी है.

अत: यह बहुत जरूरी है कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने की योजना से विश्व के सभी लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की योजना को जोड़ दिया जाए और उपलब्ध कार्बन स्पेस में बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता देना अनिवार्यता बना दी जाए.

Web Title: CLIMATE CHANGE IS A VERY BIG ISSUE NEED TO TAKE A CONCRETE STEP

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