भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: नई कृषि नीति का निर्माण हो

By भरत झुनझुनवाला | Published: December 17, 2018 09:48 PM2018-12-17T21:48:23+5:302018-12-17T21:48:23+5:30

आम चुनाव के सेमीफाइनल में किसानों का मुद्दा छाया रहा. केंद्र सरकार ने कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य में वृद्धि करके किसान हित साधने का प्रयास किया था

Build new agricultural policy | भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: नई कृषि नीति का निर्माण हो

भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: नई कृषि नीति का निर्माण हो

आम चुनाव के सेमीफाइनल में किसानों का मुद्दा छाया रहा. केंद्र सरकार ने कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य में वृद्धि करके किसान हित साधने का प्रयास किया था. लेकिन यह नीति सफल नहीं हुई. इसके दो कारण हैं. मुख्य कारण यह है कि समर्थन मूल्य बढ़ाने से किसान द्वारा फसलों का उत्पादन अधिक किया जा रहा है जबकि देश में खपत कम है. इस कारण फसल के दाम गिर रहे हैं और किसान घाटा खा रहा है. जैसे चीनी का उत्पादन अधिक होने एवं खपत कम होने से चीनी का भंडारण बढ़ता जा रहा है और दाम गिरे हुए हैं. इस प्रकार समर्थन मूल्य बढ़ाने से समस्या का हल नहीं होता है.

दूसरा हल यह दिया जा रहा है कि बढ़े हुए उत्पादन का निर्यात कर दिया जाए. यहां समस्या यह है कि अधिकतर कृषि उत्पादों के विश्व बाजार में दाम कम हैं और अपने देश में अधिक. जैसे स्किम्ड मिल्क पाउडर का विश्व बाजार में दाम 134 रुपया प्रति किलो है जबकि भारत में इसकी उत्पादन लागत 180 रुपए प्रति किलो है. ऐसे में यदि हमें स्किम्ड मिल्क पाउडर का निर्यात करना है तो सरकार को 50 रुपया प्रति किलो की सब्सिडी देनी होगी जो कि सरकारी बजट पर भारी पड़ेगा.

यह नीति संभव नहीं है. साथ ही उत्पादन बढ़ाकर निर्यात सब्सिडी देने से हमारे पर्यावरण की हानि होती है. जैसे हमने चीनी का उत्पादन अधिक किया. हमने अपने पानी का अति दोहन किया. भूमिगत पानी नीचे गिर गया. भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो गई. किसान ने मेहनत की और लाभ उस विदेशी उपभोक्ता को हुआ जिसको हमने सब्सिडी देकर सस्ती चीनी उपलब्ध कराई. इसलिए निर्यात की रणनीति सफल नहीं हो सकती है. 

समस्या का तीसरा उपाय ऋण माफी किया जाना है. देश के तमाम राज्यों ने किसानों के ऋण माफकिए हैं और इस चुनाव में भी ऋण माफी के वायदे किए गए हैं. लेकिन यह भी सफल नहीं होगा जैसे घाटे में चल रही कंपनी के ऋण माफ कर दिए जाएं तो शीघ्र ही दोबारा घाटा लगेगा और पुन: कंपनी ऋण में डूब जाएगी. इसलिए सभी पार्टियों को वर्तमान समर्थन मूल्य, निर्यात एवं ऋण माफी की नीति को त्याग कर उच्च मूल्य के उत्पादन एवं किसान को सीधे सब्सिडी देने की नीति को लागू करना चाहिए.

Web Title: Build new agricultural policy

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